लखनऊ (ब्यूरो)। व्यवस्था को निगम के सभी आठ जोन में लागू किया जाएगा। जिससे सभी आठ जोन में रहने वाले भवन स्वामियों को खासी राहत मिल सके। इसके साथ ही इसकी मॉनीटरिंग के लिए भी टीमें गठित की जा रही हैैं, जिससे कोई कर्मचारी लापरवाही न बरत सके।

पब्लिक की डिमांड
दरअसल में, कई भवन स्वामियों की ओर से पार्षदों से मामला उठाया गया था कि उनके यहां वेस्ट कलेक्शन कर्मी कब आते हैैं और कब चले जाते हैैं, इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पाती है। वहीं बिना कोई जानकारी दिए ही वेस्ट कलेक्शन कर्मी घर के अंदर से वेस्ट ले जाते हैैं। चूंकि कर्मियों के पास कोई आईकार्ड नहीं है, इसकी वजह से उन्हें पहचानना मुश्किल होता है। कई बार तो प्राइवेट कर्मी वेस्ट ले जाते हैैं और उन्हें लगता है कि निगम कर्मी ले गए हैैं।

अब उठाया जा रहा कदम
निगम प्रशासन की ओर से भवन स्वामियों को राहत देने के लिए ही उक्त प्लानिंग की गई है। इसके अंतर्गत जैसे ही कोई वेस्ट कलेक्शन कर्मी किसी भी घर से वेस्ट लेने जाएगा तो गेट पर लगी बेल बजाएगा साथ ही दरवाजा भी खटखटाएगा। जिससे भवन स्वामी को पता लग जाएगा कि निगम कर्मी वेस्ट लेने आया है। निगम कर्मियों के पास आईकार्ड रहेगा, ऐसे में भवन स्वामियों के मन में कोई कंफ्यूजन नहीं रहेगा।

फीडबैक भी लिया जाएगा
निगम की ओर से गठित की जा रहीं मॉनीटरिंग टीमों की ओर से जोनवार फीडबैक भी लिया जाएगा। जिससे यह आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि किस घर से कितने दिन वेस्ट कलेक्ट हुआ। इस संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए गए हैैं। पब्लिक फीडबैक के आधार पर संबंधित कर्मचारियों से सवाल जवाब किए जाएंगे और उनके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा।

समय-समय पर समीक्षा
निगम प्रशासन की ओर से वेस्ट कलेक्शन को लेकर समय-समय पर समीक्षा भी की जाएगी। यह समीक्षा जोनवार होगी। निगम प्रशासन की ओर से शत प्रतिशत वेस्ट कलेक्शन के लिए नई गाडिय़ां भी मंगाई जा रही हैैं। जिसके बाद उम्मीद है कि अगले माह से वेस्ट कलेक्शन का प्रतिशत बढ़ जाएगा। वहीं नई गाडिय़ों में पहले से ही जीपीएस सिस्टम लगाया जा रहा है, जिससे निर्धारित लोकेशन के अतिरिक्त गाडिय़ां इधर-उधर न जा सकें।