लखनऊ (ब्यूरो)। जिस रफ्तार से शहर में पानी की बर्बादी हो रही है, उतनी ही तेजी से अब पानी बचाने की दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले अपने घर से शुरुआत करनी होगी। अगर हर घर में रोज एक बाल्टी (10 लीटर) पानी बचाया जाए तो पूरे शहर में मकानों की संख्या छह लाख के हिसाब से 60 लाख लीटर पानी बचाया जा सकता है। मतलब महीने में 1800 लाख लीटर पानी बचाया जा सकता है। निश्चित रूप से पानी की इस सेविंग से आने वाली पीढ़ी को जल संकट के खतरे से राहत दिलवाई जा सकती है।

हर घर में पानी की बर्बादी

वर्तमान समय में शायद ही ऐसा कोई घर हो, जहां पानी की बर्बादी न होती हो। औसतन एक घर में आठ से दस लीटर या उससे अधिक की पानी बर्बादी होती है। इसका नतीजा यह है कि हर दिन लाखों लीटर पानी नाले-नालियों में बह जाता है। इसके बावजूद भवन स्वामियों की ओर से पानी बचाने की दिशा में कोई कवायद नहीं की जाती है।

बदलनी होगी अपनी आदत

राजधानी में पानी का संकट गहराता जा रहा है। इससे साफ है कि पानी बचाने कीदिशा में जल्द से जल्द कवायद की जानी चाहिए। पानी बचाने के लिए हर किसी को अपनी आदत बदलनी होगी, जिसके बाद ही पानी बचेगा।

ये पांच आदतें बदलनी होंगी

1-आरओ सिस्टम-अगर किसी के घर में आरओ लगा है और आप इससे एक गिलास शुद्ध पानी निकालते हैैं तो आप अंजाने में दो गिलास पानी फिल्टरेशन की प्रक्रिया में बर्बाद कर देते हैैं। अगर आपके घर के एक सदस्य ने दिन भर में 10 गिलास पानी निकाला तो 20 गिलास पानी बर्बाद हुआ। अगर एक गिलास में 200 एमएल पानी आता है तो 20 गिलास को जोड़ें तो 4000 एमएल यानि चार लीटर पानी बर्बाद हुआ।

2-फ्लशिंग सिस्टम-वर्तमान समय में ज्यादातर घरों के वॉशरूम में फ्लशिंग सिस्टम एडॉप्ट किया जा चुका है। फ्लशिंग सिस्टम एक वॉटर टैैंक से कनेक्ट होता है। जब आप फ्लश करते हैैं तो उसी टैैंक से पानी निकलता है। अमूमन इस टैैंक में 8 से 10 लीटर पानी आता है। एक बार फ्लश करने पर इतना ही पानी बर्बाद होता है, जबकि इस पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। अगर घर में दो सदस्य हैैं तो 16 लीटर पानी की बर्बादी प्रतिदिन होती है।

3-प्री बाथ वेस्टेज-लोग नहाने जाने से पहले शेविंग, ब्रश वगैरह करते हैं। इस दौरान करीब 20 फीसदी लोग नल ऑन ही रखते हैैं, जिसकी वजह से एक से दो लीटर पानी रोज बर्बाद हो जाता है।

4-शावर से बर्बादी-बहुत से लोग शावर ऑन करके नहाना बेहद पसंद करते हैं, जबकि हम यह नहीं जानते हैैं कि बाल्टी में पानी भरकर नहाने के मुकाबले शावर से नहाने में पानी अधिक बर्बाद होता है। शावर बाथ लेने वाले तीन से चार लीटर तक ज्यादा पानी की बर्बादी करते हैैं।

5-बर्तन, कपड़े धोने में-बर्तन और कपड़े धोने में भी काफी पानी बर्बाद किया जाता है। जब बर्तनों या कपड़ों को नल के नीचे तेज धार में धोया जाता है तो 10 से 15 मिनट के अंदर तीन से चार लीटर तक पानी बर्बाद हो जाता है।

घरों के अंदर जमकर पानी की बर्बादी होती है। अगर पब्लिक जागरूक हो जाए तो साफ है कि हर दिन लाखों लीटर पानी बचाया जा सकता है। सबसे पहले तो पब्लिक को भी बताया जाना चाहिए कि किस तरह से पानी बचाया जा सकता है। जिम्मेदार विभागों को वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत है

रिद्धि किशोर गौड़, महामंत्री, शुभ संस्कार समिति