1 फीसद संक्रमण दर थी बच्चों में पिछले साल

3 फीसद संक्रमण दर हो गई है इस साल

61 सौ से ज्यादा बच्चे अब तक हुए संक्रमित

- कोरोना की इस लहर में तीन फीसद तक बच्चे हुए संक्रमित

- अधिकतर बच्चे घर में ही बिना किसी दवा के हो गए ठीक

LUCKNOW: कोरोना की दूसरी लहर में युवाओं के साथ-साथ बच्चे भी बड़ी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। जिससे उनके पेरेंट्स काफी परेशान हैं। हालांकि बच्चों में अधिकतर मामले गंभीर नहीं आए हैं। वे बिना दवा के ही ठीक हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बार करीब तीन फीसद बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। जबकि बीते साल सिर्फ एक प्रतिशत बच्चे ही संक्रमण की चपेट में आए थे।

नया स्ट्रेन कर रहा बीमार

एसीएमओ डॉ। मिलिंदवर्धन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में छोटे बच्चों में भी संक्रमण की दर पहले के मुकाबले ज्यादा दिख रही है। इस बार करीब 3 फीसद 0 से 10 वर्ष की उम्र के बच्चे संक्रमित हुए हैं। जबकि बीते साल एक फीसद बच्चे संक्रमित हुए थे। कोरोना का यह नया स्ट्रेन बच्चों को ज्यादा बीमार कर रहा है। ऐसे में जीनोम सिक्वेंसिंग कराने की जरूरत है। जिससे पता चले कि कौन सा स्ट्रेन बच्चों पर ज्यादा असर डाल रहा है।

स्कूल खुलना भी एक कारण

डॉ। मिलिंद ने बताया कि पिछले साल लॉकडाउन था और स्कूल भी बंद थे। वहीं इस बार शिफ्ट में स्कूल खोले गए। ज्यादा सख्ती न होने से भी बच्चे इधर-उधर आते-जाते रहे। इसलिए भी बच्चों में अब ज्यादा संक्रमण दिख रहा है। समस्या यह है कि बच्चों में लक्षण दिखते नहीं हैं, तो जल्द पता ही नहीं चलता है कि वे संक्रमित हैं कि नहीं। टेस्टिंग के बाद ही पता चलता है कि वे संक्रमित हैं। ऐसे में पेरेंट्स को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

बाक्स

6 हजार से अधिक बच्चे संक्रमित

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस बार राजधानी में 0 से 9 वर्ष की उम्र के करीब 6,156 बच्चे अप्रैल माह तक कोरोना का शिकार हो चुके हैं। कई नवजात बच्चों में भी संक्रमण पाया गया है। क्वीन मैरी अस्पताल की प्रवक्ता डॉ। रेखा सचान ने बताया कि कोविड निगेटिव डिलीवरी बच्चों का टेस्ट नहीं कराया जाता है लेकिन जो डिलीवरी कोविड पॉजिटिव होती है केवल उन में ही बच्चों का कोविड टेस्ट कराया जाता है। अब नवजात में भी संक्रमण दिख रहा है। हालांकि यह मां से नहीं हो रहा है, इसके दूसरे भी कारण हैं। डिलीवरी के बाद बच्चा सबसे पहले पीडियाट्रीशियन के पास होता है और फिर आया के पास जाता है। ऐसे में नवजात में संक्रमण कहां से और कैसे हो रहा है, इस बारे में ज्यादा नहीं कहा जा सकता है।

कोट

कोरोना की दूसरी वेव मे बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। इस बार 0 से 10 वर्ष उम्र के करीब तीन फीसद तक बच्चे कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि बच्चों में संक्रमण ज्यादा तेज नहीं देखा गया।

डॉ। मिलिंदवर्धन, एसीएमओ