लखनऊ (ब्यूरो)। नो स्मोकिंग डे इसबार धूम्रपान छोड़ना तनावपूर्ण नहीं होना चाहिए थीम पर आधारित है। धूम्रपान छोड़ने से करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। सेकंड स्मोकिंग का सर्वाधिक दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवती पर पड़ता है, क्योंकि वह शुरुआत से ही धुएं के घेरे में आ जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु सेकंड हैंड स्मोकिंग की वजह से होती है।
दिल भी हो जाता है बीमार
डॉ। सूर्यकांत का कहना है कि धूम्रपान मनुष्य के शरीर में हजारों रसायनों को छोड़ता है। इसका असर फेफड़ों के साथ दिल व शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। अधिक नशा करने वालों के लिए इसे छोड़ना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन अगर ठान लिया जाए तो यह असंभव नहीं है। सिगरेट छोड़ने के बाद एक सप्ताह का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर हफ्ते भर धूम्रपान नहीं किया तो आप इसे पूरी तरह छोड़ सकते हैं।
नशे से छुटकारा पाएं
डॉ। सूर्यकांत ने बताया कि केजीएमयू का रेस्पिरेट्री मेडिसन विभाग धूम्रपान निषेध क्लीनिक चला रहा है। यह क्लीनिक सोमवार से शनिवार सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक चलाया जाता है। क्लीनिक में धूम्रपान करने वालों की काउंसिलिंग की जाती है।


ऐसे छोड़े धूम्रपान की लत
- ऐसी चीजों से दूर रहें जो स्मोकिंग की याद दिलाएं
- तंबाकू चबाने का मन करे तो दूसरी चीजों में मन लगाएं
- स्मोकिंग का कारण तनाव होता है, इसलिए खुद को टेंशन फ्री रखें

धूम्रपान के सेवन से फेफड़े और दिल के साथ अन्य अंगों पर असर पड़ता है। साथ ही इसका धुंआ आसपास के लोगों को भी नुकसान पहुंचाता है। युवाओं को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
डॉ सूर्यकांत, एचओडी, रेस्पिरेट्री मेडिसिन केजीएमयू