ब्यूरो। बेटियां फाउंडेशन की ओर से के ब्लॉक शास्त्रीनगर में महिला संरक्षण के लिए वर्कशॉप आयोजित की गई्। इस मौके पर महिलाओं को संवैधानिक और मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही बाल संरक्षण सेवाओं के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के पालन पोषण के बारे में भी जरूरी टिप्स दी गईं। बाल सेवा योजना का लाभ दिलाने के लिए फार्म भराए गए। इस मौके पर संस्था की अध्यक्ष अंजू पांडेय ने बताया कि वर्तमान समय में माता -पिता बच्चों की जिद पूरी करते हैं नतीजा बच्चे मनमानी करते हैं और जिद पूरी ना होने पर आक्रमक व्यवहार करते हैं।

बच्चों पर ध्यान दें माताएं

डॉ। अंजू ने बताया कि पांच साल की उम्र तक मां को बच्चे पर विशेष ध्यान ध्यान देना होगा। सभी बच्चे जन्म से अबोध होते हैं्र, लेकिन उम्र बढ़ते बढ़ते बच्चों का व्यवहार उन्हें मिलने वाली संगति से बिगड़ जाता है। आने वाले दिनों में जो घातक होता है। बच्चों पर नजर रखें संस्था की उपाध्यक्ष डॉ।क्षमा चौहान ने कहा कि आज महिलाएं अपना समय बच्चों को ना देकर अपने जॉब में, अपने बिजनेस में, पार्टी में ज्यादा देने लगी हैं। नतीजतन बच्चों पर नजर ना होने पर वह गलत संगत में पड़ जाते हैं। बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा संवाद बनाए रखें, बातें करें जिससे बच्चे अपने मन की बात आपसे शेयर कर सके।

परिवार की मिसाल दी

वहीं, गंगानगर की बुजुर्ग महिला रामवती देवी ने सुखद परिवार की मिसाल दी। कहाकि महिलाएं चाहें तो अपने परिवार को स्वर्ग बना दें इसके लिए सिर्फ हमारी सोच में परिवर्तन की जरूरत है। माता-पिता की उचित देखरेख से बच्चों की मानसिकता को समझ उनके भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।बेटियां फाउंडेशन ने उन्हें को माला व शॉल पहनाकर सम्मानित किया जो लोगो के लिए प्रेरक हैं। ये सदस्य रहे मौजूद इस अवसर पर संस्था टीम कुसुम मित्तल, सुधा अरोड़ा, बबीता कटारिया, लक्ष्मी बिंदल, अमिता अरोड़ा, विनीता तिवारी, शिव कुमारी गुप्ता आदि ने सहयोग दिया।