स्मॉग के चलते बच्चों में बढ़ा सीवियर निमोनिया व इंफेक्शन

50 प्रतिशत तक बढ़ी ओपीडी, खांसी ने भी बढ़ाई मुश्किल

40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है दमे के अटैक रेट में बीते हफ्ते

50 प्रतिशत तक बढ़ गई है अस्पतालों की चिल्ड्रन ओपीडी

500 का आंकड़ा पार कर रही है चाइल्ड ओपीडी जिला अस्पताल में

1000 के करीब चाइल्ड ओपीडी का आंकड़ा पहुंच रहा मेडिकल कॉलेज में

Meerut। हवा में घुला जहर बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है। स्मॉग ने जहां दमे से पीडि़त बच्चों का दम निकाल दिया है वहीं निमोनिया और इंफेक्शन भी सीवियर कंडीशन में पहुंच गए हैं। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते भर में दमे के अटैक रेट में करीब 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं खांसी, नजला भी बच्चों पर कई गुना भारी पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पतालों की चिल्ड्रन ओपीडी भी 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

ये है स्थिति

स्मॉग के बाद जहां पूरा शहर तमाम परेशानियों और बीमारियों की गिरफ्त में आ गया है। वहीं बच्चों की स्थिति और भी विकट हो गई है। स्मॉग की चपेट में आकर सबसे ज्यादा दिक्कत सांस की बीमारी से जूझ रहे बच्चों की हुई है। बच्चों पर आई आफत का आलम ये है कि हफ्ते भर में ही अस्थमा, दमे के अटैक में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अस्पतालों में अमूमन 250 से 300 रहने वाली बच्चा ओपीडी भी 500 का आंकड़ा पार कर रही है। मेडिकल कॉलेज में ये आंकड़ा करीब हजार पार होहा है।

स्मॉग की वजह से बच्चों की स्थिति काफी खराब हुई है। मामूली खांसी भी कई-कई दिन तक ठीक नहीं हो रही है। निमोनिया का रेट काफी बढ़ गया है। सामान्य इंफेक्शन ने विकराल रूप ले लिया है। सांस की परेशानी से जूझ रहे बच्चों के मामले 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं।

डॉ। अमित उपाध्याय, वरिष्ठ बाल रोग िवशेषज्ञ

दमे से जूझ रहे बच्चों के लिए ये बहुत बैड फेज साबित हो रहा है। अटैक रेश्यू बढ़ गया है। मामूली समस्या भी बच्चों पर कहर ढा रही है। छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी है। ऐसे में इनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

डॉ। वीरोत्तम तोमर, वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ

ये है वजह

बच्चों में इम्यूनिटी पॉवर कमजोर होती है। इसके अलावा सांस के साथ डस्ट पार्टिकल बच्चों की सांस की नली और फेफड़ों में अटक जा रहे हैं। इंफेक्शन से ग्रस्त बच्चों के लिए ये डबल संकट खड़ा कर रहा है। इससे उनका इंफेक्शन रेट तेजी से बढ़ता है वहीं ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से सांसें उखड़ने लगती है।