इन्होंने की  ईजाद

पतंग उड़ाने वाले ये नहीं जानते कि इसका अविष्कार किसने किया और क्यों किया? बताते हैं पतंग का ईजाद हकीम लुकमान ने किया था। उन्होंने पतंग को उड़ाने के फायदे के साथ इसका समय भी निश्चित किया था। जिससे लोगों का शरीर और उनके कई अभिन्न अंग सही रहें। बताते हैं कि पतंग उड़ाने का सही समय भोर सुबह से लेकर छह बजे तक होता है। इस दौरान ताजा हवा होती है और ऑक्सीजन ठीक मिलती है।

खुल जाता है शरीर

बताया जाता है कि पतंग उड़ाते समय हमारा मुंह ऊपर की ओर खुला होता है। ताकि जब आप डोर खींचते हैं तो ऑक्सीजन आपकी सांसों में पहुंचती है। जब आप पतंग उड़ाते हैं तो डोर खींचते समय आपके हाथ, कंधे, कमर, पैर और आखों को फायदा मिलता है। पतंग उड़ाने वाले की नजरें काफी तेज होती हैं। बारीक डोर और दूर उडऩे वाली पतंग को वह आसानी से देख लेता है। आखों की कई बीमारियां दूर होती हैं।

ये बोलते हैं

खैर नगर में पतंग विक्रेता मोहम्मद मुख्तयार बताते हैं कि हकीम लुकमान ने पतंग का ईजाद इसलिए किया था कि लोगों की बॉडी चुस्त रहे। उन्होंने ही पहली बार पतंग उड़ाने के लिए राजा महाराजाओं को न्यौता दिया था। पतंगें बसंत पंचमी पर ही नहीं, बल्कि कई अवसरों पर उड़ती हैं। कुछ लोग तो पतंग को रूटीन में भी रखते हैं। डॉक्टर भी पतंग उड़ाने की सलाह देते हैं। पतंग उड़ाना शौक बन गया है। अब खतरनाक मांझे आ गए हैं, जो लोगों की जान के लिए मुसीबत बन गए हैं। जबकि पतंग उड़ाने के फायदे सद्दी के साथ ही मिलते हैं।

ये होते हैं फायदे

- आंखें तेज होती हैं

- आपका कंसंट्रेशन तेज होता है

- हाथों की अच्छी तरह एक्सरसाइज होती है

- हाथों के साथ कंधों की एक्सरसाइज होती है

- गर्दन चारों ओर घूमती है

- पैरों की अच्छी तरह से एक्सरसाइज होती है

- बॉडी चुस्त और दुरुस्त होती है

- अच्छी ऑक्सीजन भी मिलती है

"पतंग उड़ाने के कई फायदे हैं। पतंग उड़ाने वाले की फिजिकल एक्सरसाइज हो जाती है। साथ ही उसका कंसंट्रेशन बढ़ता है। आई-साइड मजबूत हो जाती है। सबसे बड़ी बात ये कि व्यक्ति मेंटली कंसंट्रेशन तेज हो जाता है। पतंग उड़ाते हुए उसको पल-पल में सोचना पड़ता है। जिससे वह अपना ध्यान एक जगह केंद्रित कर लेता है। बारीक मांझा भी उसको दिखाई दे जाता है.  डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथ"

"पतंग उड़ाने के फायदे तो हैं, एक्सरसाइज हो जाती है, कंसंट्रेशन भी बनता है, लेकिन आजकल लोग पतंग शौकियाना उड़ाते हैं। पतंग के जरिए जुआ, सट्टा खेलते हैं। खतरनाक मांझे आ गए हैं। इसलिए खतरा भी बढ़ गया है। आजकल मांझे से कटने वाले कई लोग आ रहे हैं.  डॉ। अजीत सिंह, सीएमओ (कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर)"

संभलकर उड़ाएं

देखा जाए तो आजकल पतंग उड़ाने के नुकसान ज्यादा हो गए हैं। तरह-तरह के मांझे बाजार में आ गए हैं। सबसे खतरनाक चाइनीज मांझा है। जो टूटता ही नहीं है। प्लास्टि की डोर पर कांच का लेप होता है। जिससे वह और भी कातिल बन जाता है। इससे बचकर ही रहें तो अच्छा है। पतंग उड़ाएं, लेकिन सादे धागे या फिर लोकल धागे वाले मांझे से। ताकि किसी को नुकसान ना पहुंचे।

ये हैं नुकसान

लोग पतंग उड़ाते समय आगे पीछे देखना भूल जाते हैं। इसके चलते कुछ लोग छत से नीचे गिर जाते हैं। पतंग को छत पर लूटने की कोशिश न करें। गिर भी सकते हैं। अगर मांझा आपके आसपास होता है तो उसको तोडऩे की कोशिश ना करें। किसी की गर्दन में उलझ जाए तो उसकी गर्दन काट सकता है। हाथ भी काट सकता है। इससे एक्सीडेंट भी बहुत होते हैं। सड़कों और मोहल्लों में पतंग लूटने वाले बच्चों के एक्सीडेंट होते हैं। इसलिए संभलकर रहें। सुरक्षित रहें।

ताकि खुशहाली बरकरार रहे

"पतंग उड़ाने के फायदे हैं। एक्सरसाइज तो हो ही जाती है, लेकिन बड़ी बात ये है कि आजकल चाइनीज मांझा लोगों की जान का दुश्मन बन गया है। न पुलिस इसके लिए कुछ कर रहा है और न ही प्रशासन। यह मांझा न टूटता है और न ही कटता है। गर्दन पर लगता है तो काट ही डालता है। इसलिए अपील करता हूं कि इस मांझे का प्रयोग न करें। किसी को नुकसान न हो, इसलिए सादे धागे और लोकल मांझा ही यूज करें.  रामकुमार शर्मा, एडवोकेट"

"चाइनीज मांझे से कोई पतंग न उड़ाए। चाइनीज मांझे पर रोक लगाने के लिए हमने पुलिस और प्रशासन से बात की थी, लेकिन इस पर कोई अमल नहीं किया गया। इस मांझे पर पूर्ण पाबंदी लगानी चाहिए। इससे कई लोगों के हाथ और गर्दन तक कट जाते हैं। बड़ा ही खतरनाक मांझा है। इसलिए अपील की जाती है कि इस चाइनीज मांझे का प्रयोग ना करें। लोगों को खुद भी अपने बच्चों की सुरक्षा देखनी चाहिए। वे बच्चों को छत पर अधिक उछलकूद ना करने दें। मांझे से बचाकर रखें। क्योंकि कई हादसे हो जाते हैं।  

- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ"