- शहर के हर प्रमुख चौराहों पर लगता है जाम

-कई प्रमुख चौराहों से नदारद रहती है टै्रफिक पुलिस

-अधिकांश चौराहों पर नहीं चलती ट्रैफिक लाइट

Meerut,: मेरठ में हर साल लोगों को टै्रफिक समस्याओं से निजात दिलाने के लिए अभियान तो चलाए जाते हैं। अभी परिवहन विभाग का यातायात सप्ताह चल रहा है, जिसके तहत संबंधित अधिकारी रैलियां निकाल रहे हैं, लेकिन नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। अभियान महज अखबारों की सुर्खियां बनकर ही रह जाते हैं। मेरठ में शहर के मुख्य चौराहों पर दिन भर जाम लगा रहता है। इसके अलावा मेरठ में 24 स्थान आज भी टै्रफिक लाइट के लिए तरस रहे हैं, लेकिन अधिकारी न तो जाम की समस्या से निजात दिलाने में दिलचस्पी दिखाते और न उपकरण पूरे करने में। अभियानों के बीच समस्याएं जस की तस रह जाती हैं।

मेरठ में मुख्य जाम प्वाइंट

1.हापुड़ अड्डा चौराहा

मेरठ में हापुड़ अड्डा चौराहा मुख्य जाम प्वाइंट में से एक है। चौराहे से दिनभर में औसत दस हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है, लेकिन वाहनों की स्पीड 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा कभी नहीं रहती। जाम लगने की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण है। 99 प्रतिशत व्यापारियों ने अपना सामान सड़क पर फैला रखा है, जिसके चलते दिनभर मुसाफिर जाम से जूझते रहते हैं।

2. घंटाघर चौराहा

सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक औसत 6 हजार वाहनों का आवगमन होता है। तीन बजे से शाम आठ बजे तक 7 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है। वाहनों की स्पीड 3 से 5 किमी प्रति घंटा रहती है। चौराहे पर जाम खुलवाने के लिए कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रहता।

3. रेलवे रोड़ चौराहा

रेल रोड चौराहे से दिनभर में 16 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है। चौराहे पर चार से ज्यादा पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। लेकिन एक मिनट के लिए भी जाम नहीं खुलता। जाम लगने की मुख्य वजह पुलिस सख्ती न होने के कारण लोग लगातार टै्रफिक लाइट जंप करते रहते हैं।

4. बागपत अड्डा चौराहा

बागपत अड्डा चौराहे से दिनभर में औसत 15 से 20 हजार वाहनों का आवागमन होता है। लेकिन टै्रफिक के अलर्ट न होने के बावजूद लोग नियम तोड़ते हैं। जिसके चलते सुबह 8 से 1 और शाम 5 से 10 भयंकर जाम की स्थिति रहती है।

5. बेगमपुल चौराहा

बेगमपुल चौराहे दिनभर में लगभग 10 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं, लेकिन हर वक्त लोग जाम से जूझते रहते हैं। चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस दो पहिया वाहनों से उगाही में मशगूल रहती है। जिसके चलते जाम की समस्या जस की तस बनी है।

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अभियानों का क्या फायदा

विगत नवंबर 2015 को टै्रफिक पुलिस ने यातायात माह मनाया। पूरे माह में दो पहिया और चार पहिया वाहनों को मिलाकर लगभग 546 चलान भी किए, लेकिन जाम और नियम तोड़ने वालों पर काबू नहीं पा सके। और समस्या जस की तस बनी रही।

यातायात सप्ताह

परिवहन विभाग 10 जनवरी से 17 जनवरी तक यातायात सप्ताह के रूप में मना रहा है। रोजाना कोई न कोई कार्यक्रम कर लोगों को ट्रैफिक रूल के प्रति जागरूक करने प्रारूप उन्होने तैयार भी किया है। पर क्या इससे शहर में यातायात की स्थिति सुधरेगी।

वर्जन

यातायात सप्ताह के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का सर्कुलर आया है। इसमें रोजाना कोई न कोई वर्कशॉप या रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिसमें ट्रैफिक पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है।

-शिव शंकर सिंह, एआरटीओ प्रशासन मेरठ