आई स्पेशल

- आज है परीक्षा, लेकिन हेल्पलाइन नंबर भी पड़े हैं ठप

- रिएलिटी चेक में सामने आ रही है शिक्षा विभाग की लापरवाही

Meerut : यूपी बोर्ड की परीक्षा को नकलविहीन कराने के सारे दावे पहले ही फेल हो गए हैं। शासन द्वारा नकल रोकने के लिए बनाए गए सभी हथियार पहले से ही ठप पड़े हैं। ऐसे में हवा-हवाई दावों पर शिक्षा विभाग भी यूपी बोर्ड परीक्षा अधूरी तैयारी के साथ करवा रहा है, जिससे जाहिर है कि इस बार नकलमाफिया को जमकर बढ़ावा मिलने वाला है।

एबसेंट एग्जामिनेशन एप ठप

यूपी बोर्ड एग्जाम में 2015-16 में गैर हाजिर स्टूडेंट का डाटा कलेक्ट करने के लिए बोर्ड अधिकारियों ने क्विक रिस्पांस कोड सर्विस यानि एब्सेंट एग्जामिनेशन एप पर फोकस किया है। सेंटर के इंचार्ज को इस एप से तीस मिनट के अंदर बोर्ड के सर्वर पर डाटा भेजने में मदद मिलती है। आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में यह सामने आया कि न तो दिया गया टूजी नेट पैक सिम काम कर रहा है और न ही उसमें कोई डाटा भेजा जा सकता हैं। ऐसे में कैसे सेंटर के इंचार्ज एब्सेंट स्टूडेंट की डिटेल्स भेज सकते हैं और कैसे रोका जा सकता है नकलमाफिया को।

2. कैसे चलेगा कंट्रोल रूम?

यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के लिए हर जगह के डीआईओएस कार्यालय, जेडी कार्यालय व क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय पर मौजूदा डॉट फोन नंबर को कंट्रोल रूम नंबर व हेल्पलाइन नंबर के तौर पर रखा जाता है। डीआईओएस कार्यालय पर मौजूदा नंबर 0121-2663513 तो काफी दिनों से बंद ही पड़ा है। सूत्र बताते हैं पिछले साल से इस नंबर का बिल न भरने के कारण फिलहाल फोन की लाइन काट दी गई है। वही क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय का नंबर 0121-2660742 या तो व्यस्त जाता है या फिर करवरेज एरिया से बाहर अगर फोन मिलता भी है तो उसे उठाया ही नहीं जाता है। इसके अलावा जेडी का दिया हुआ कंट्रोल रूम नंबर पहले सही ठप पड़ा है।

3. पहचानपत्र भी अधूरे

बोर्ड परीक्षा में लगाए जाने वाले बाबुओं व कर्मचारियों और कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी को लेकर भी बोर्ड ने पहचान पत्र बनाने का दावा किया था, लेकिन 50 प्रतिशत से अधिक ड्यूटी वालों के पहचान पत्र ही नही बन पाए हैं। ऐसे में बिना पहचान पत्र के किसी अनजान की केंद्र पर एंट्री होने की संभावना नजर आ रही है।

4. सीसीटीवी के दावे फेल

यूपी बोर्ड परीक्षा में नकलमाफिया पर तीसरी नजर रखने का आदेश भी हवा हवाई साबित हो रहा हैं। हर सेंटर पर सीसीटीवी लगाने के लिए डीएम ने दिए थे सेंटर्स को बार-बार निर्देश दिए थे। इस बार यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के लिए शहर के 140 स्कूलों को सेंटर बनाया गया है, लेकिन मुश्किल से 20 स्कूलों में कैमरे लग पाए हैं।

5. कक्ष निरीक्षकों का टोटा

परीक्षा में इस बार छह हजार कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी लगनी थी, लेकिन परीक्षा के दिन तक 14 सौ 42 कक्ष निरीक्षक विभाग को नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में बिना कक्ष निरीक्षकों के कैसे परीक्षा को नकलविहीन कराया जा सकता है यह भी चिंता का विषय है।

पेपर भी पड़ रहे हैं कम

आज हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की हिंदी की परीक्षा है। शिक्षा विभाग में ऐसे दर्जनों स्कूल पहुंच चुके हैं, जिनके लिए आज के पेपर ही नहीं हैं। अब ऐसे में बिना अब हैंड टू हैंड पेपर को मंगाना भी मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में यह चिंता का विषय बना हुआ है कि बिना पेपर के कैसे परीक्षा होगी।

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शिकायत लेकर पहुंचे विभाग

परीक्षा से एक दिन पहले शिक्षा विभाग में शिकायत लेकर पहुंचे विभिन्न केंद्र व्यवस्थापकों ने भी बताया कि उनका सिम काम ही नहीं कर रहा है। अब परीक्षा में वह कैसे इस एप से तीस मिनट के अंदर डाटा भेज सकते हैं। एसडी सदर के प्रिंसिपल बीबी बंसल ने बताया कि उनका सिम काम नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी अन्य जिलों के टीचर्स से भी बात हुई है। वहां भी यही स्थिति है। बाल विद्या इंटर कॉलेज दौराला के प्रिंसिपल सत्य सिंह वर्मा ने बताया कि सिम तो बंद पड़ा है। सनातन धर्म इंटर कॉलेज कंकरखेड़ा के प्रिंसिपल सुधीर कुमार ने बताया कि उनके अलावा उनकी अन्य सेंटरों व अन्य जिलों के सेंटरों के इंचार्ज से बात हुई है सिम नहीं चल पाए हैं।