- जेल में बंद रहकर आरोपियों ने की मन लगाकर पढ़ाई

स्वाति भाटिया

मेरठ- कैदी है तो क्या हमें भी पढ़ने का हक नहीं, करियर सुधारने का हक तो हमारा भी बनता है। जिस तरफ चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा। कुछ इसी तरह की पंक्तियां याद आ जाती है, जब जिला कारगार में संगीन अपराध करने वाले कैदियों के बोर्ड रिजल्ट पर नजर डालते हैं। जिला कारागार में बंद कई जिलों के कैदियों ने यूपी बोर्ड की परीक्षा अच्छे अंक से उत्तीर्ण की है।

खिल उठे हैं चेहरे

जेल में बंद कैदियों के लिए यूपी बोर्ड का रिजल्ट किसी बड़े महोत्सव से कम नहीं है। जैसे ही उन्होंने अपना रिजल्ट देखा है उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है। कैदियों ने जेल प्रशासन की अनुमति से एक दूसरे को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दीं।

अपहरण व दहेज की हैं धाराएं

जिला कारगार में बंद जिनके हाईस्कूल व इंटर में फ‌र्स्ट डिविजन आए हैं। उन पर अपहरण, दहेज उत्पीड़न और मर्डर का भी आरोप हैं। इंटर में एक 79 प्रतिशत लाने वाले कैदी पर अपहरण की धारा है।

महिला कैदी को नहीं पढ़ने की चाह

अगर आंकड़ों पर गौर करें तो महिला कैदियों ने परीक्षा नहीं दी है। एक भी ऐसी महिला कैदी नहीं जो बोर्ड परीक्षा में बैठी हो।

जनपद के आंकड़े

इंटर

जिला एपीयर्ड मेल फिमेल पास

मेरठ 6 6 0 100 प्रतिशत

गाजियाबाद 21 19 0 90.48

सहारनपुर 0 0 0 0

बिजनौर 0 0 0 0

हाईस्कूल

जिला एपीयर्ड मेल फिमेल पास

मेरठ 1 1 0 100

गाजियाबाद 10 10 0 100

सहारनपुर 1 1 0 100

बिजनौर 5 2 0 40

जिला कारागार में सात कैदियों ने बोर्ड परीक्षा दी थी। जिसमें सभी का रिजल्ट काफी अच्छा आया है। इससे उनके करियर में बदलाव भी आएगा।

संतलाल यादव

जेल अधीक्षक मेरठ