अलविदा 2016

- रैपिड बस से लेकर बसों में पानी की व्यवस्था की गई

- इसके अलावा कई रूट्स पर बसों का संचालन हुआ शुरू

Meerut। शहर में चार बस अड्डे हैं, जिनमें मेरठ डिपो, भैंसाली डिपो, सोहराब गेट और सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा शामिल हैं, लेकिन यात्रियों की सुविधाओं के लिए जितना रोडवेज के दावे थे, उतना नहीं हो सका। हां रैपिड बस सेवा के साथ कई अन्य सुविधाएं विभाग ने यात्रियों की दी। जिनसे थोड़े बहुत झटकों के साथ गाड़ी आगे बढ़ी।

तकनीक से लैस हुई रोडवेज

रोडवेज में इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को मुख्यालय स्तर से सभी क्षेत्रों में लागू किया गया। इसमें बसों में ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम जीपीएस लगाने के साथ ही विशेष उपकरण व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाया गया। यात्रियों को कौनसी बस कहां पर यहां तक जानने का सुविधा मिली।

नंबर की शुरुआत

यूपीएसआरटीसी ने रेलवे की तर्ज पर कदम बढ़ाए। इसमें पब्लिक इनक्वायरी सिस्टम (पीआईएस) को लागू किया गया।

नहीं बना बस अड्डा

मेरठ सिटी ट्रांस्पोर्ट निगम लिमिटेड के अंर्तगत सिटी बसों के लिए बस अड्डा लोहिया नगर में शिफ्ट होना था। लेकिन आज तक सहमती नहीं बन सकी। यानी अभी सिटी बसें दूसरे के घर में जगह बनाए हुए हैं।

फैक्ट एंड फीगर

- रैपिड बस सेवा शुरू की गई

- सिटी बस ने अपना इंक्वायरी नंबर जारी किया

- मेरठ से कई रूट्स के लिए ऐसी बसों की शुरूआत की गई

- डग्गामार बसों की बंदी को लेकर कोर्ट ने फैसला सुनाया

निगम की बसें - 802

अनुबंधित - 380

सिटी ट्रांसपोर्ट - 170

यात्री प्रतिदिन - 15 से 20 लाख

आमदनी - 60 से 70 लाख