अलविदा 2016
- मेमू से लेकर खुर्जा इलेक्ट्रिक ट्रेन हुई शुरू
- यात्रियों को रेलवे ने दी कई सौगात
Meerut । आदर्श स्टेशनों में शुमार सिटी स्टेशन की दशा और दिशा में तो सुधार आया है। साल 2016 में यात्री सुविधाएं भी बढ़ीं। लेकिन ट्रेनों के संचालन के मामले में स्टेशन खाली हाथ ही रहा। उधर मेरठ-खुर्जा और मेरठ-टपरी मार्ग के विस्तार की योजना जरूर आकार लेती दिखी। दूसरी ओर शहर की पहचान कही जाने वाली नौचंदी और संगम वर्ष भर समय की पटरी से उतरती-चढ़ती रही।
दोहरीकरण का ट्रैक
मेरठ से टपरी के बीच रेलवे लाइन दोहरीकरण का मुद्दा अर्से बाद सुलझा। पिछले वर्ष ट्रैक दोहरीकरण का काम शुरू हुआ। करीब 374 करोड़ का बजट भी पास हुआ। फिलहाल रेलवे ने सिटी स्टेशन से दौराला तक दोहरीकरण का काम पूरा कर लिया है।
स्टेशन की बदली सूरत
ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने और नई ट्रेनों से खाली हाथ रहे मेरठ के लिए राहत सिर्फ स्टेशन की स्थिति में सुधार से मिली। सिटी और कैंट स्टेशन पर रेलवे ने पांच करोड़ के बजट से कई यात्री सुविधा वाले कार्य किए। जिसमें ऊपरगामी पुल। यात्री शेड निर्माण। सभी श्रेणी के प्रतीक्षालय का नवीनीकरण। वाटर बूथ आदि में सुधार। प्लेटफार्म की मरम्मत आदि कार्य भी हुआ।
संगम-नौचंदी की उपेक्षा
कभी मेरठ की शान में शुमार रहने वाली संगम और नौचंदी एक्सप्रेस वर्ष भर रेलवे ट्रैक पर अपना वजूद तलाशती नजर आई।
हस्तिनापुर नहीं पहुंची रेल
ऐतिहासिक महत्व रखने वाले हस्तिनापुर को आज भी ट्रेन का इंतजार है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं। जवाहर लाल नेहरू ने चंडीगढ़ और हस्तिनापुर से रेल लाइन की घोषणा एक साथ की थी। लेकिन हस्तिनापुर तक रेल लाइन बिछाने की साठ साल पुरानी मांग अभी तक अनसुनी है।
रेलवे पर एक नजर
प्रतिदिन टिकट बिक्री - 18 से 23 हजार
कुल यात्री प्रतिदिन - 60 हजार
कैंट स्टेशन पर प्रतिदिन - 5 से 7 हजार
कुल यात्री प्रतिदिन - 15 हजार
ट्रेनों का आवागमन - 90
खुर्जा-मेरठ ट्रैक विस्तार का बजट - 115 करोड़
मेरठ-टपरी दोहरीकरण बजट - 376 करोड़
स्टेशन पर सुधार पर खर्च - 5 करोड़