जितना चाहो खरीद लो

बेहद खतरनाक तेजाब आप बहुत आसानी से खरीद सकते हैं। बाजार में आसानी से मिल जाने की वजह से ही तेजाब फेंकने की घटनाएं बढ़ी हैं। क्योंकि जिस पर तेजाब फेंका जाता है उसके लिए उस अनजान व्यक्ति को पहचान पाना या उसका स्केच बनवा पाना मुश्किल हो जाता है।

लाइसेंस कौन देगा

सुप्रीम कोर्ट तेजाब की बिक्री और खरीद को थोड़ा पेचिदा बना रही है ताकि तेजाब फेंकने के मामलों में कमी आए। वहीं व्यापारियों इस बात से नाखुश हैं। उनका कहना है कि अब लाइसेंस लेने के लिए हमें सरकारी विभागों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। अच्छी खासी रकम देकर लाइसेंस तो मिल जाएगा। लेकिन इसके बाद भी हमारा सिर दर्द खत्म नहीं होगा। हमें तेजाब खरीदने आए हर व्यक्ति का रिकॉर्ड रखना होगा। उसका फोटो पहचान पत्र और मोबाइल नंबर हमें लेना होगा। ये सब बहुत प्रैक्टिकल नहीं है। कोई व्यक्ति अपना फर्जी पहचान पत्र और गलत फोन नंबर भी दे सकता है। हमें तो जो दिखाया जाएगा उसी को सही मानकर रिकॉर्ड कर लेंगे। अगर कोई घटना हो गई तो पुलिस भी हमें ही परेशान करेगी। अभी ये नियम ठीक तरह से नहीं आया है और इसे लागू होने में भी काफी समय लगेगा इसलिए ये कहना मुश्किल है कि तेजाब बेचने के लिए लाइसेंस कौन देगा।

नीति तय करें

तेजाब के हमलों पर रोक की नीति तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से सरकार को तलब किया। इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के दखल पर केन्द्र सरकार ने तेजाब की खरीद-फरोख्त पर सख्त नियम बनाने की बात की है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए हलफनामे में तेजाब के हमलों के शिकार पीडितों के पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए कई अहम पक्ष रखे। इसमें तेजाब को जहर की श्रेणी में रखने का फैसला किया है। अब तेजाब की बिक्री के लिए लाइसेंस जरूरी कर दिया गया है और वहीं इसकी खरीदारी करने वाले के लिए फोटो पहचान पत्र और खरीददार का मोबाइल नंबर देना भी जरूरी कर दिया है। इस मामले में दो दिन बाद पूरा फैसला और तेजाब के हमलों पर अंकुश नीति की ड्राफ्टिंग भी होगी।

'तेजाब तो जहर से भी ज्यादा खतरनाक है। इसे तो किसी आम इंसान की पहुंच में होना ही नहीं चाहिए। वरना कोई भी व्यक्ति आराम से इसे खरीद सकता है। अधिकतर मामलों में तेजाब जिस लडक़ी पर फेंका जाता है वो उस अंजान व्यक्ति को पहचान ही नहीं पाती। ऐसे में फोटो पहचान पत्र या फोन नंबर का कोई बड़ा यूज नहीं है। इसलिए तेजाब को आम बाजार में बैन कर देना चाहिए और जिन्हें तेजाब चाहिए उनकी पूरी जांच कराकर ही तेजाब देना चाहिए.'

-डॉ। सीमा श्रीवास्तव, समाजशास्त्री

'अभी सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय लिया है। अभी हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। जब हमारे पास आदेश आएगा तो सोचा जाएगा। अभी कुछ ऐसे आदेश नहीं हैं.'

- के। सत्यनारायण, डीआईजी

ये है कानून

- आईपीसी की धारा 326 के तहत इस ऑफेंस की सजा निर्धारित की गई है। जिसमें तेजाब फेंकने वाले को सात साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही आरोपी को जमानत भी मिल जाती है।

महिला आयोग की मांग

- महिला आयोग ने तेजाब हमले के कानून पर राय दी थी। जो लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। कई बार इस अपराध को बदलने की कोशिशें की गईं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। तेजाब की बिक्री के लिए कुछ नियम व कानून लागू कर दिए गए हैं, लेकिन ये कब तक चलेंगे और इनको कौन मानेगा यह नहीं पता। सुप्रीम कोर्ट में कानून सख्त करने की मांग काफी लंबे समय से लंबित पड़ी हुई है। जिसका फिलहाल कुछ नहीं हुआ।

एक्ट 2008

2010 में आयोग के भेजे प्रिवेंशन ऑफ ऑफेंस (बाई एसिड) एक्ट 2008 के ड्राफ्ट में कहा गया है - आईपीसी की धारा 326ए जोड़ तेजाब फेंकना अलग से अपराध बने। अभियुक्त को कम से कम दस साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद की सजा, गैरजमानती अपराध हो और दोषी पर दो से पांच लाख तक का जुर्माना, पीडि़त को मुआवजा मिले, उसके बच्चों के पुनर्वास काा इंतजाम हो।

होता ये है

इस अपराध के लिए कानून जस का तस है। अपराधी को अधिकतम सात साल की सजा होती है, जिसमें उसको जमानत और पेरोल पर बाहर आने की मंजूरी भी मिल जाती है। ऐसे में एक लडक़ी की जिंदगी नर्क बन जाती है और आरोपी बाहर आकर पीडि़त को डराता धमकाता है। जब तक कानून सख्त नहीं होता तब तक यह तेजाब खुलेआम बिकता रहेगा। प्रशासन और पुलिस अपने हाथ खड़े करके सेटिंग करती रहेगी।

सिटी में हुई कुछ इस तरह की वारदातें

- 25 जून 2013 में गंगानगर की एमबीए की छात्रा पर सिरफिरे ने तेजाब फेंक दिया था।

- 4 नवंबर 2012 को कबाड़ी बाजार में नगरवधुओं पर तेजाब फेंका गया था।

- 27 मई 2010 में ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के ईश्वरपुरी में रहने वाली नर्सिंग छात्रा व उसकी भाभी पर तेजाब फेंका गया था।

- 20 जनवरी 2009 को सरुरपुर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर तेजाब फेंक दिया था।

- 2 दिसंबर 2008 को कोतवाली थाना क्षेत्र के पूर्वा अहिरान में एक युवती के ऊपर सरेराह तेजाब फेंक दिया गया था।

- 23 सितंबर 2008 को भुमिया के पुल पर रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी व बच्चे पर तेजाब फेंका था।

- 26 मई 2008 को किठौर की रहने वाली एक महिला पर तेजाब फेंका गया था।

- 2 फरवरी 2008 को स्योहरा में महिला के चेहरे पर तेजाब डाल दिया था।

- 23 मार्च 2008 को कबाड़ी बाजार में महिला के चेहरे पर तेजाब डाल दिया गया था।

- 1 जनवरी 2008 को सहारनपुर में महिला के जिस्म पर तेजाब फेक दिया गया था।

- 1 अगस्त 2005 को हरि नगर ब्रह्मपुरी में भांजे ने अपनी मामी, भाभी, बहन और दो मासूम बच्चों पर तेजाब डाल दिया था।

- 29 जून 2005 को इंद्रा चौक के पास दो बहनों प्रतिमा और भावना पर साबिर नामक बुजुर्ग ने तेजाब फेंक दिया था।

- 24 फरवरी 2005 को अवैध संबंध से इंकार करने पर बिजनौर में एक विकलांग ने प्रेमिका पर तेजाब फेंक दिया था।

- 8 फरवरी 2005 को मीरापुर में प्रेमिका की मंगनी दूसरे से होने पर प्रेमिका को तेजाब से जला दिया था।

- 25 सितंबर 2004 को संपत्ति के बंटवारे को लेकर व्यक्ति ने अपनी बेटी व बेटे पर तेजाब फेंक दिया था।