मेरठ ब्यूरो। गुरुवार सुबह सवेरे शुरु हुई तेज बारिश से मेरठ के कई हिस्सों में जलभराव हो गया। शहर की अधिकतर सभी प्रमुख सड़कों से लेकर पुराने शहर की गलियां और मोहल्लों में कई कई फुट पानी भर गया। चार घंटे की बारिश ने यह दिखा दिया की नगर निगम ने बारिश से निपटने के लिए कोई काम नहीं किया। बारिश में जलभराव से जूझी शहर की आबादी जैसा की उम्मीद जताई जा रही थी कि बरसात में शहर की 70 प्रतिशत आबादी को इस साल भी जलभराव की समस्या से जूझना पड़ेगा गुरुवार की बरसात ने यह साबित कर दिया। बरसात से पहले सर्वाधिक जलभराव वाले क्षेत्र चिह्नित होने के बावजूद नगर निगम ने इससे निपटने के लिए कोई काम नहीं किया है। जलभराव को लेकर निगम के दावे हर साल हल्की बारिश में ही धुल गए। वहीं गुरुवार को प्री-मानसून बारिश ने निगम के नाला सफाई अभियान की पोल खोल दी है। मानसून की दस्तक के बाद भी निगम ने अभी तक कंट्रोल रूम भी स्थापित नहीं किया है।

नालों की व्यवस्थाएं हुई फेल
शहर में जल निकासी के लिए तीन मुख्य नाले आबूनाला, आबूनाला-2 कसेरुखेड़ा और ओडियन है। इन नालों से छोटे-बड़े 341 नाले और जुड़े हैं, जिनमें गली-मोहल्लों का पानी पहुंचता है। छोटे-बड़े नालों के गोबर और कूड़ा-करकट से अटे होने के कारण जल निकासी बाधित रहती है। नतीजतन, बारिश में शहर का आधा हिस्सा जलमग्न हो जाता है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि नगर निगम इन दिनों नालों की सफाई करा रहा है लेकिन सिल्ट भी नहीं उठाए जाने से नाले चौक हो गए और जलभराव की जगह जगह स्थिति देखने को मिली। 30 से अधिक इलाकों में सर्वाधिक जलभराव शहर के 30 से अधिक इलाके सर्वाधिक जलभराव के लिए चिह्नित हैं। इनमें लक्खीपुरा, अहमदनगर कांच का पुल, तारापुरी, ब्रह्मपुरी, शिव श1ित नगर, मलियाना, लिसाड़ी रोड, खैरनगर, अजंता कॉलोनी, अब्दुल्लापुर, साधु नगर, न्यू गोविंदपुरी कंकरखेड़ा, इंदिरा नगर, टीपीनगर, माधवपुरम, रशीद नगर, श्याम नगर, जाकिर कॉलोनी, शकूर नगर, शौकत कॉलोनी, शोभापुर, भोला रोड बाईपास, चंद्रलोक, साबुन गोदाम, जिमखाना मैदान, पूर्वा फैयाज अली, जली कोठी, न्यू इस्लामनगर, पूर्वा ताहिर हुसैन, जयदेवी नगर, पूर्वा इलाही बख्श, नई बस्ती और लल्लपुरा आदि शामिल है। जोकि गुरुवार की बारिश में भी जलभराव से जूझे।

निजात के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं
जलभराव से निजात दिलाने के लिए नगर निगम के पास पर्याप्त इंतजाम नहीं है। निगम के पास 10 एचपी के 5 और 7.5 एचपी के 12 पंपसेट हैं। इसके अलावा छह सीवर जेटिंग मशीन हैं। सभी जगह पानी भरने पर चिह्नित क्षेत्रों में से भी आधे का ही पानी निकाला जा पाता है। जहां ज्यादा पानी भरा था वहां पंप सेट लगवा कर पानी निकाल दिया गया है। बाकि अधिकतर इलाकों में बरसात के कुछ देर बाद ही पानी कम हो गया। नालों में कहीं भी पानी फ्लो जाम नही हुआ। - हरपाल सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी