- लोगों के विरोध के चलते ढलावघर का हो गया था काम बंद

- कमिश्नर के आदेश पर एक बार फिर से काम हुआ शुरू

मेरठ। स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद एक बार फिर से सूरजकुंड ढलाबघर का निर्माण कार्य शुरू हो गया। गौरतलब है कि विरोध के चलते तीन दिन काम बंद रहा था। लेकिन कमिश्नर ने नगर निगम को फिर से काम शुरू करने के आदेश दिए। लिहाजा सोमवार को निर्माण कार्य शुरू हो गया।

यह है विवाद

सूरजकुंड पर श्मशान घाट की दीवार से सटा नगर निगम का ढलावघर है। यही नहीं वहां पर एक मंदिर भी है। जहां पर सैंकड़ों श्रद्धालु पूजा के लिए आते हैं। जिन्हें गंदगी से गुजरना पड़ता है।

जगह बदलने पर बवाल

गौरतलब है कि बीते मई में नगर निगम ने ढलावघर को श्मशान घाट की दीवार से हटाकर सूरजकुंड डिपो के पीछे की ओर बनाने का निर्णय लिया। जिसका लोगों ने विरोध किया। यही नहीं लोगों के समर्थन में पूर्व विधायक डॉ। लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी आ गए थे। लेकिन कमिश्नर के आदेश पर उस ढलावघर का निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया है.वहीं लोगों का कहना है कि ढलावघर से लोगों में बीमारी फैलने की आशंका है।

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लोगों के विरोध के चलते काम बंद कर दिया था। कमिश्नर के आदेश पर काम को शुरू करा दिया है। अब तो वैसे भी ढलावघर सड़क से अंदर की ओर डिपो में बनाया जा रहा है।

कुलभूषण वाष्र्णेय, चीफ इंजीनियर नगर निगम

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ढलावघर तो यहां से हटना चाहिए। एक तो यहां पर श्मशान घाट है इसके अलावा यहां पर मंदिर भी है।

सुबोध

ढलावघर के कारण यहां पर हमेशा गंदगी का अंबार रहता है। आबादी के बीच ढलावघर तो होना ही नहीं चाहिए।

पवन रस्तोगी

ढलावघर के पास मंदिर और श्मशान घाट दोनों ही हैं। बावजूद इसके नगर निगम के सफाईकर्मी यहां पर ही कूड़ा डालते हैं।

पंकज अरोड़ा