- गर्मी में कूल कूल कोला कहीं कर न दे बीमार

- मैंगों शेक के नाम पर खिला रहे हैं कपड़ों वाला रंग

- अल्सर, डायरिया के साथ पनप सकती है भयंकर बीमारियां

- सिटी की हर गली में लगी है बीमारी परोसने वाली दुकान

- स्वास्थ्य विभाग खामोश, सेहत से हो रही खिलवाड़

MEERUT: गर्मी के दिनों में बर्फ का ठंडा-ठंडा गोला और कूल-कूल कोला डि्रंक कितना अच्छा लगता है। मार्केट में भी मैंगो शेक, रंग बिरंगे कोल्ड ड्रिंक आदि की दुकाने सज जाती हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि गर्मी से थोड़ी देर के लिए राहत के लिए आप कितना बड़ा नुकसान उठा रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि आप हकीकत में क्या खा रहे हैं और अनजाने में आप बीमारियों को बुलावा दे रहे हैं।

कोला में है केमिकल

सिटी में तमाम इलाकों में स्कूलों के बाहर या फिर किसी चौक के बीच। आमतौर पर बिकने वाला बर्फ का गोला और यह रंग-बिरंगे फ्लेवर वाले ठंडे ड्रिंक जो स्वाद में भले ही अच्छे लगते हैं, मगर वास्तव में यह बड़े हानिकारक हैं। बर्फ के गोलों में सैक्रिन और कोला, लेमन, आरेंज और ग्रीन कलर वाले मशीन वाले ड्रिंक भी केमिकल वाले हैं। इनमें सैक्रिन और सोडियम बाइकार्बोनेट नामक केमिकल डाला जाता है, जिससे इन डि्रंक से कोल्ड ड्रिंक जैसी गैस बनती है। आरजी डिग्री कॉलेज की फूड साइंस एंड फूड डेवलपमेंट की एचओडी डॉ। सरोजिनी शर्मा के अनुसार इनमें मिलाए खाने का कलर भी केवल ख्0 प्रतिशत ही होता है। बाकी तो सस्ते के चक्कर में कपड़ों वाला कलर भी मिलाया जाता है।

मैंगो शेक और बनाना शेक में एसिड

बाजार में मिलने वाला मैंगों शेक, बनाना शेक और इस तरह के विभिन्न शेक, जिन्हें आप हेल्थ के लिए लाभदायक समझकर पीते हैं। हकीकत में तो इन शेक में सजावट के अलावा बाकी सब नकली है। इनमें डाले जाने वाले एसेंस को कम पैसों में तैयार करने के लिए, उनमें एसिड और एल्कॉहोल का मिक्सर मिलाया जाता है। हकीकत तो यह है कि यह मैंगों शेक में डाले जाने वाले फल भी सस्ते और सड़े हुए होते हैं।

लो क्वालिटी के मैदे का फलूदा

सिटी में विभिन्न स्कूलों के बाहर बिकने वाले ठंडे-ठंडे फलूदे को भले ही बच्चे स्वाद से खाते हैं। मगर यह फलूदा खाना भी सीधे बीमारियों को बुलावा देना है। विज्ञान क्लब के दीपक शर्मा के अनुसार इस फलूदे में लो क्वालिटी का सड़ा हुआ खराब मैदा मिलाया जाता है। जिसमें से न्यूट्रीशन तो पाए जाने वाले जीवाणु खत्म कर चुके होते हैं, और तो और इनमें मिला सैक्रिन नामक केमिकल वाला कलर एसएनस भी बेहद हानिकारक होता है। इसके अलावा फलूदों का स्वाद बढ़ाने के लिए जो कलर्ड एसेंस डाले जाते हैं उनमें भी भ्0 प्रतिशत तो कपड़ों का ही रंग मिला होता है।

कैसे बनते हैं ये रंग-बिरंगे एसेंस

लाल, रानी, हरा, काला और पीले रंग में ठेलों पर यह रखे रंग बिरंगे एसेंस वास्तव में तो सेहत के लिए हानिकारक हैं। इन एसेंस में चीनी की चाशनी के साथ खाने वाले रंग की ख्0 प्रतिशत मात्रा और कपड़े वाले रंग की भ्0 प्रतिशत मात्रा मिलाई जाती है। आरजी कॉलेज में फूड डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ सरोज शर्मा के अनुसार यह एसएनस अगर रोजाना में लिया खाया जाए तो इससे किडनी और गला दोनों ही खराब हो सकते हैं।

गन्ने का जूस भी दे सकता है बीमारी

गर्मियों में सबसे लाभदायक माने जाने वाला गन्ने का ठंडा जूस। जो भले ही लाभदायक हो मगर अगर इस जूस को बनाने का तरीका बिल्कुल भी अच्छा नहीं। काफी देर तक रखे जूस और गंदे पानी वाली बर्फ से बना यह जूस गले में टांसिल और लीवर को खराब भी कर सकता है। इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए मिलाया गया नींबू और मीठा सा एसेंस भी बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।

किस हद तक नुकसानदायक हैं ये केमिकल

सैक्रिन- सैक्रिन जो एक सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक केमिकल होता है। इसके खाने से गले टांसिल, पेट की खराबी व किडनी तक को भी खराब कर देता है।

कलर- चुस्की और फलूदे में डाले जाने वाले यह मीठे कलर भी सेहत के लिए नुकसानदायक है। इनमें मिलाया गया कपड़ों वाला सस्ता रंग टॉक्सिक होते हैं। जो पेट में इंफेक्शन, ज्वाइंडिस और स्टोन बनाने की बीमारी तक कर देता है।

एसिड और एल्कॉहोल - एसेंस में मिलाया जाने वाला एसिड तो वैसे भी हर तरह से हानिकारक होता है। साथ इसमें एल्कॉहोल का मिश्रण रोजाना लेना भयंकर साबित हो सकता है। इससे पेट में अल्सर, डायरिया और उल्टी-दस्त व शरीर के अंगों को काटने तक का काम करता है।

क्या कहते हैं डाक्टर्स

गर्मियों में बर्फ खाना बेहद अच्छा लगता है, लेकिन वास्तव में यह बर्फ बहुत ही गरम होती है। ज्यादा बर्फ का पानी पीना और बर्फ खाने से गले में टांसिल, उल्टी-दस्त होना, जी मिचलाना यहां तक डायरिया जैसी बीमारी भी हो सकती है। गर्मी से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है या तो पानी में ग्लूकोस डालकर पीएं या फिर नींबू पानी या फिर घर का निकला जूस पीएं।

डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथिक

भले ही गर्मी से राहत पाने के लिए हम इस तरह की ठंडी चीजों का सेवन रोज करना बेहतर समझते हैं, लेकिन केमिकल युक्त यह सामान सेहत के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। इन दिनों में सबसे ज्यादा उल्टी-दस्त और गले व पेट की बीमारियां ही होती हैं।

डॉ। संजीव भाटिया, इएनटी स्पेशलिस्ट

कैसे रोकें बच्चों को

हम बच्चों को मना तो करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उनकी जिद के आगे किसी की नहीं चलती है। हां इतना जरुर है बच्चों को रोजाना नहीं खाने देते।

अंकुर जैन, सदर

हां ये तो है कि यह सब चीजें नुकसानदायक है, लेकिन बच्चे भी तो नहीं मानते हैं। कहीं ज्यादा रोकने से बच्चा चिड़चिड़ा न हो जाएं बस यही सोचकर कभी कभार खाने देते हैं।

मोनिका, पांडवनगर

घर में तो ये सब चीजें बच्चे को दिलाते नहीं हैं। अगर वो चुपचाप खा लें वो अलग बात है। हां इतना जरुर है उसको हम समझाया करते हैं कि इस तरह की चीजें कितनी नुकसानदायक हैं।

चेतना, रजबन