Meerut। साल 2016 के सपा शासन में क्लीन यूपी ग्रीन यूपी योजना के तहत मेरठ में करीब छह करोड़ की लागत से बने साइकिल ट्रैक की आज हालत खस्ता है। सरकार बदलते ही इस ट्रैक की देखभाल करने वाले एमडीए के आला अधिकारियों ने भी इस ट्रैक को अनदेखा कर दिया। जिसके चलते आज ट्रेक जगह-जगह से अपनी बदहाली को दर्शा रहा है। ट्रैक को सड़क के किनारे बोलार्ड लगाकर मुख्य सड़क से इसे अलग किया गया था। सुंदरता के लिए फैंसी लाइट से इसे आकर्षक बनाया गया था। 2017 में इस ट्रैक के नाम पर घोटाले खुलने शुरु हो गए, जिनकी जांच अभी तक चल रही है।
2017 से अनियमितताओं को लेकर चर्चा में रही योजना
ट्रैक के वायर घोटाले में 12 लोगों पर हुई थी एफआईआर।
11 अगस्त 2017 को करीब डेढ़ करोड़ के वायर घोटाले में गिरफ्तार हुए थे एमडीए के तीन इंजीनियर
तत्कालीन कमिश्नर प्रभात कुमार ने उन्हें अपने दफ्तर में बुलाकर कराया था गिरफ्तार
तीनों पर था साइकिल ट्रैक के लिए खरीदे गए बिजली के रबर कोटेड वायर में गोलमाल का आरोप
तब से साइकिल ट्रैक पर कोई काम नहीं हुआ।
स्ट्रीट लाइट लगी, मगर आज तक चालू नही हो पाई
अब इस माह दोबारा से इस घोटाले की जांच शुरु हुई
पड़ताल करने के लिए मेरठ पहुंची आगरा की एजेंसी
एजेंसी को पूरे प्रदेश में साइकिल ट्रैक की जांच का काम सौंपा गया है
टीम के इंजीनियर्स ने साइकिल ट्रैक से सैंपल लिए तथा लंबाई नापी