खतरनाक

- धड़ल्ले से बिक रहा बिना लाइसेंस का हथियार

- चाइनीज माझे से टूट न जाए जिंदगी की डोर

- खतरनाक साबित हो रहा प्लास्टिक के धागे पर कांच का कोट

- प्रतिबंध के बाद भी बाजारों में हो रही प्रतिदिन लाखों की सेल

आई स्पेशल

सुंदर सिंह

Meerut: मंगलवार को दिल्ली में चाइनीज मांझे की वजह से एक बच्ची समेत तीन लोगों की मौत से सनसनी फैल गई। मेरठ में भी यह चाइनीज मांझा कई लोगों की जान को खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने इसकी बिक्री पर रोक तक लगाई थी, लेकिन बावजूद इसके शहर में पतंग की दुकानें चाइनीज मांझे से अटी पड़ी हैं और प्रतिदिन लाखों रुपए का कारोबार चल रहा है।

कांच से भी ज्यादा खतरनाक

जानकारों के मुताबिक यह मांझा साधारण मांझे की तरह नहीं है। इस प्लास्टिक के धागे पर कांच का कोट होता है। जिस कारण कांच से भी खतरनाक बन जाता है। बॉडी के जिस भी हिस्से पर चाइनीज मांझा लगेगा बिना काटे छोड़ेगा नहीं।

खतरनाक है यह मांझा

-चाइनीज मांझा प्लास्टिक की डोर की तरह होता है

- चाइनीज मांझा बहुत मजबूत होता है, यह तोड़ने से भी नहीं टूटता है।

- इसके ऊपर कांच का कोट किया जाता है।

- प्लास्टिक पर कांच का कोट इसे खतरनाक बना देता है

- गर्दन पर लगते ही यह खाल को काटते हुए अंदर घुस जाता है

- हाथ, गर्दन या किसी भी कपड़े को सैकेंडों में काट देता है ।

-साधारण माझा टूट जाता है, जबकि यह जान लिए बगैर नहीं छोड़ता ।

सबसे ज्यादा क्रेज

चाइनीज मांझा बेचने वाले सादाब, इमरान, तौफीक का मानना है कि शहर में चाइनीज मांझे का सबसे ज्यादा क्रेज है। कोई भी बच्चा हो या बड़ा साधारण मांझा खरीदता ही नहीं है। जबकि चाइनीज मांझा मीटर के हिसाब से आता है और साधारण मांझा किलो के रेट से आता है.चाइनीज मांझे की 100 गज की गुच्छी इस समय 40 रुपए से कम बाजार में उपलब्ध नहीं है। दुकानदारों ने बताया कि बसंत पंचमी के दौरान अकेले मेरठ शहर में लगभग 100 करोड़ का कारोबार चाइनीज मांझे और पतंग का होता है।

पक्षियों के लिए भी खतरनाक

चाइनीज मांझा इंसानों के लिए तो खतरनाक है। साथ ही पक्षियों के लिए भी बहुत खतरनाक है। आएदिन चाइनीज मांझा सैंकड़ों पक्षियों की जान ले लेता है। कई बार इस मांझे की बिक्री पर प्रतिबंद लगा। लेकिन जब कोई हादसा होता है उसी वक्त चेकिंग की जाती है। उसके बाद फिर से दुकानें चाइनीज मांझे से भरी पड़ी रहती है।

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आए दिन गर्दन पर वार

25 मई 2016 : शब-ए-बराअत के बाद चाइनिज मांझे से कटी बच्चे की गर्दन

13 अप्रैल 2016 : कमेला चौकी के पास बाइक सवार युवक की चाइनीज मांझे की चपेट में आने के कारण गर्दन कट गई।

12 फरवरी 2016 : चाइनीज मांझे से एकाउंटेंट की गर्दन कट गई थी

21 अगस्त 2015 : लिसाड़ी गेट की आशियाना कालोनी में चाइनीज मांझे से युवक की गर्दन कट गई।

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वर्जन

चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध है। लेकिन उसके बाद भी दुकानदार इसे बेचना नहीं छोड़ रहे हैं। इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

ओपी सिंह, एसपी सिटी