आवारा कुत्तों के शेल्टर होम का दिल्ली की टीम ने किया निरीक्षण

नगर निगम और पशु पालन विभाग के अधिकारियों के साथ व्यवस्थाओं पर किया मंथन

प्री आपरेशन थियेटर, मुख्य ओटी और मेडिकल स्टाफ के लिए तैयार करना होगा इंफ्रास्ट्रक्चर

Meerut। आवारा कुत्तों की नसबंदी व एंटी रेबीज वैक्सीनेशन अभियान शुरू करने से पहले नगर निगम को ओटी निर्माण समेत अन्य व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी है। इसके लिए बुधवार को साउथ दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम मेरठ पहुंची। टीम ने नगर निगम और पशु पालन विभाग के अधिकारियों के साथ परतापुर के शंकरनगर फेज-दो स्थित आवारा कुत्तों के शेल्टर होम की व्यवस्थाएं देखीं। साउथ दिल्ली से पहुंची टीम में हरियाणा के पशु पालन विभाग से रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर और एक पशु चिकित्सक शामिल रहे। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह, सीवीओ डा। एके कंसल और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। गजेंद्र सिंह के साथ टीम ने शेल्टर होम का निरीक्षण किया।

नहीं मिलीं व्यवस्थाएं

टीम को निरीक्षण के दौरान ओटी लायक कमरे नहीं मिले। टीम के सदस्यों ने कहा कि शेल्टर होम में प्रतिदिन 20 से 25 आवारा कुत्तों की नसबंदी की जा सकती है। कुल सात कमरे बने हैं, जिनमें आपरेशन से पहले और आपरेशन के बाद तीन दिन तक आवारा कुत्तों को रखने लायक व्यवस्था करनी होगी। टीम ने कहा कि वातानुकूलित ओटी अनिवार्य है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। गजेंद्र सिंह ने बताया कि यह टीम साउथ दिल्ली में नसबंदी और एंटी रेबीज वैक्सीनेशन का काम कर रही है। मानकों को पूरा करने के बाद नसबंदी अभियान शुरू होगा.्र

ये होने चाहिए मानक

कमरों में छोटे-छोटे जाल बनाने होंगे।

प्रत्येक कमरे में नाली निर्माण और फर्श बनानी होगी।

कमरों में कूलर भी लगाने होंगे। ताकि कुत्तों को गर्मी न लगे।

टीन शेड को ऊंचा करना होगा। प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो।

नसबंदी करने के लिए एक प्री-आपरेटिव कक्ष, एक मुख्य ओटी और एक मेडिसिन स्टाफ कक्ष बनाना होगा।

टीम ने तीन और कमरों की डिमांड की। जो बनाने पड़ेंगे।