शासन में पहुंचा एमडीए का अवैध निर्माणों पर निगरानी का ऑनलाइन सिस्टम

एमडीए उपाध्यक्ष ने दिया प्रजेंटेशन, शासन की बैठक में शामिल हुए सभी प्राधिकरण के अधिकारी

प्रमुख सचिव के आदेश पर विभिन्न प्राधिकरणों में लागू होगी ऑनलाइन मॉनीटरिंग प्रणाली

Meerut। मेरठ विकास प्राधिकरण के इनफोर्समेंट केस एंड मैनेजमेंट सिस्टम (ईसीएमएस) को प्रदेशभर में लागू किया जाएगा। सोमवार को प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी विकास दीपक कुमार ने बैठक के दौरान आवास बंधु के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जल्द से जल्द इस ऑनलाइन सिस्टम को सभी प्राधिकरणों में लागू कराएं। इससे पूर्व बैठक में एमडीए के उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय ने ईसीएमएस पर प्रमुख सचिव के समक्ष प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि यह ऑनलाइन सिस्टम किस तरह काम करेगा?

कल से होगा लागू

गौरतलब है कि प्राधिकरण उपाध्यक्ष के निर्देशन में ईसीएमएस को बनाया गया है। प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट को अपग्रेड करने के साथ-साथ इस एंड्रायड बेस्ट सिस्टम को लिंक किया जाएगा। मार्डन और फुलपू्रफ सिस्टम से इंजीनियर या प्राधिकरण का कोई भी कर्मचारी चाह कर भी अवैध निर्माणकर्ता को राहत नहीं दे पाएगा। कार्रवाई टाइम बाउंड होगी, अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने पर जबाव भी तलब होगा। एमडीए में ट्रायल बेस पर सिस्टम को लागू कर दिया गया है। जबकि औपचारिक उद्घाटन 27 नवंबर को होगा। इससे पूर्व शासन में इस सिस्टम पर सोमवार को जमकर चर्चा हुई। बैठक में प्रदेश के आवास आयुक्त अजय चौहान, विभिन्न प्राधिकरणों उपाध्यक्ष, चीफ इंजीनियर, टाउन प्लानर आदि मौजूद थे।

इनसेट

इस तरह करेगा काम

गौरतलब है कि अब तक अवैध निर्माण का जूनियर इंजीनियर (जेई) मैनुअल चालान काटता था। जोनल कार्यालय से कभी चालान अवैध निर्माणकर्ता तक पहुंचता था, कभी फाइलों में दबा दिया जाता था। कभी-कभी तो चालान वाली फाइल तक गायब कर दी जाती थी। शह के चलते अवैध निर्माणकर्ता लगातार लगातार अवैध निर्माण करता रहता। किंतु अब ऐसा नहीं हो सकेगा। इन्फोर्समेंट केस एंड मैनेजमेंट सिस्टम के लागू होने के बाद अवैध निर्माण के चालान काटने से लेकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तक ऑनलाइन होगा। सिस्टम के तहत प्राधिकरण एक आधिकारिक एप लांच कर रहा है। सभी जोन के जोनल अधिकारियों से लेकर जूनियर इंजीनियर और एमडीए उपाध्यक्ष-सचिव इस एप को डाउनलोड कर सकेंगे। एप के वर्किंग में आने के बाद इन्फोर्समेंट की कार्रवाई फुल्ली ऑनलाइन हो जाएगी मैनुअल चालन बंद हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि जेई किसी भी अवैध निर्माण की जांच के दौरान मोबाइल फोन से पिक्स क्लिक करके एप पर अपलोड करेगा। इसके साथ ही अवैध निर्माण की लोकेशन सेटेलाइट से सिस्टम पर फोटो के साथ अपलोड हो जाएगी, जेई के वर्चुअल साइन से यह ई-चालान जोनल अधिकारी के लॉगिन पर पहुंच जाएगा। जिसके बाद इसे जोनल अधिकारी के साइन के बाद जारी कर दिया जाएगा और अवैध निर्माण का रिकार्ड ऑनलाइन हो जाएगा।

ईसीएमएस पर शासन में बैठक के दौरान प्रजेंटेशन दिया गया है। अवैध निर्माण के खिलाफ एमडीए की ई-चालान प्रक्रिया को प्रमुख सचिव द्वारा सराहा गया। इससे पूरा ब्योरा ऑनलाइन होगा। इससे अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई में पारदर्शिता, जबावदेही और संवेदनशीलता नजर आएगी।

राजेश कुमार पाण्डेय, उपाध्यक्ष, एमडीए