आठ महीने, नतीजा सिफर

जुलाई

डिबार करने का फैसला

सितंबर

बोर्ड कार्यालय को सूचना जारी

दिसंबर

परीक्षा केंद्रों का निर्धारण

फरवरी

परीक्षाएं आयोजित

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डिबार केंद्र पर हो रही है परीक्षा

- परीक्षा केंद्र बनाने में विभाग से भी हो गई गलती

Meerut : शासन ने नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए पिछले तीन साल के लिए डिबार हुए केंद्रों को परीक्षा केंद्र न बनाने का नियम बनाया, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि इस बार भी एक डिबार केंद्र को ही परीक्षा केंद्र बना दिया गया है। हम बात कर रहे हैं जीएसडीएन इंटर कॉलेज परीक्षितगढ़ की। जहां पर पिछले साल हुई बोर्ड परीक्षा में अनियमितता की वजह से केंद्र व संबंधित केंद्र व्यवस्थापक व अन्य को भी निस्तारण एवं परीक्षा समिति की बैठक में डिबार कर दिया गया था। लेकिन बावजूद इसके भी यह केंद्र परीक्षा केंद्र बना दिया गया है।

एक रोल नंबर, दो कॉपियां

जानकारी में डाल दें कि परीक्षितगढ़ स्थित जीएसडीएन इंटर कालेज में पिछले साल इंटर की परीक्षा हुई थी। यहां कृषक इंटर कालेज मवाना के परीक्षार्थियों का सेंटर पड़ा था। परीक्षा के दौरान जीएसडीएन केंद्र पर एक ही रोल नंबर की दो कॉपियां पाई गई थीं। रोल नंबर 4022332 था। इस मुद्दे को निस्तारण एवं परीक्षा समिति की बैठक में 30 जुलाई 2015 को जांच के लिए रखा गया था। जांच के बाद समिति ने 22 सितंबर 2015 में फैसला लेकर संबंधित लेटर जारी किया था।

लिखा गया था लेटर

जानकारी में डाल दें कि यह लेटर सहायक एवं उपसचिव गोपनीय द्वारा क्षेत्रिय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद को लिखा गया था। इसकी कॉपी डीआईओएस मेरठ, केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक, बंडल वाहक, संकल्पकर्ता व अन्य को लिखा गया था। लेटर में केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षक सहित अन्य को भी डिबार घोषित किया गया था। इसके साथ ही केंद्र को भी तीन साल के लिए डिबार किया गया था।

विभाग को नहीं जानकारी

बचाव में शिक्षा विभाग विभिन्न तरह की बातें कह रहा है। डीआईओएस श्रवण कुमार की मानें तो उनके पास इसका लेटर ही केंद्र बनने तक पहुंच ही नही पाया। क्षेत्रीय बोर्ड सचिव के मुताबिक उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।

क्योंकि डिबार केंद्रों की सूची बनते वक्त आंकेक्षक विभाग की ओर से इस बारे में सूचना भेजने में लेटलतीफी हो गई थी। जिसके चलते इस सेंटर के डिबार होने की सूचना मुख्यालय नहीं पहुंच पाई और सूची में नाम नहीं जुड़ पाया। मुख्यालय में केंद्र का नाम लेट पहुंचने के चलते केंद्र को अगले साल जोड़ा जाएगा।