हमेशा 'मास्टरमाइंड' से दूर रहती है खाकी

नकली करेंसी के खेल में पुलिस फेल दिख रही है। देश की आर्थिक स्थिति को कमजोर करने में काबिज नकली करेंसी बाजार पर भी व्यापक असर डाल रही है। व्यापारियों के साथ पब्लिक भी नुकसान झेलती है। पुलिस नकली करेंसी पकड़ती है और उसे पाकिस्तान मेड बताकर पीछा छुड़ा लेती है, लेकिन नकली करेंसी को बनाने वाले मास्टर माइंड तक नहीं पहुंचती। कभी शायद कोशिश भी नहीं की। नकली नोट आ रहे हैं, चल भी रहे हैं और पकड़े भी जा रहे हैं।

नकली करेंसी की भरमार

नकली नोट छोटा हो या फिर बड़ा इंडियन मार्केट में लगातार इसकी आमद बढ़ रही है। एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2009 से लेकर जून 2012 तक करीब 88 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे। इसमें पुलिस ने करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए और 6400 से अधिक एफआईआर दर्ज कीं। रिजर्व बैंक ने देशभर में स्थित कई शाखाओं से 85 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए।

ये बनाते हैं नकली नोट

जांच एजेंसियों की मानें तो नेपाल, बांग्लादेश और पाकिस्तान की सीमाओं पर सक्रिय गैंग इस काम को अंजाम दे रहे हैं, जिसमें आतंकवाद को बढ़ावा देने का मकसद भी शामिल है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सख्त कदम उठाने के बावजूद भी नकली नोटों की आमद जारी है। इनमें सबसे ज्यादा एक हजार के नोट होते हैैं. 

हाल का सीन

गाजियाबाद में कुछ दिनों में तेरह लाख रुपए के नकली नोट पकड़े गए। 22 अप्रैल में कौशांबी बस अड्डे से नौ लोग और सात लाख रुपए के नकली नोट पकड़े, जिनमें साढ़े पांच सौ एक हजार के नोट और डेढ़ सौ नोट पांच सौ के थे। 27 अप्रैल को कौशांबी बस अड्डे से एक बार फिर 5 लाख 90 हजार रुपए के नकली नोट पकड़े गए। जिसमें 450 नोट एक हजार के और 280 नोट 500 के थे। ऐसे में देखा जाए तो एक हजार के नकली नोट मार्केट में अधिक आ रहे हैं।

कैबिनेट का फैसला

वर्ष 2012 में आतंकवाद की आर्थिक रसद काटने की कोशिश में सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) को कड़ा करने के लिए संशोधनों को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नकली नोट, मनी लांड्रिंग और आतंक के वित्त पोषण को भी यूएपीए के दायरे में लाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। इसके चलते नकली नोट चलाने को भी यूएपीए के दायरे में लाने का फैसला किया गया। जिसको संसद में पेश कर अंंतिम रूप देना था।

यहां होता है नुकसान

नकली नोटों में बड़े नोट अधिक नुकसान करते हैं। व्यापार में, बैंकों में और बड़े लेनदेन में नकली नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। एटीएम भी आजकल नकली नोट उगल रहे हैं। बाजार में नकली नोट धड़ल्ले से चलते हैं। क्योंकि असली नकली की जांच करना आसान नहीं होता। आम पब्लिक भी इस आतंकवाद से जूझ रही है। जिससे नुकसान उठाना पड़ता है।

ये हैं धाराएं

नकली करेंसी के प्रयोग पर आरोपी को आजीवन कारावास या दस साल तक की सजा का प्रावधान है, लेकिन आजतक किसी केस में आरोपी को आजीवन कारावास हुआ हो। ऐसा सुनने में भी नहीं आया। आखिर कहीं न कहीं पुलिस की कहां कमी रह जाती है कि आरोपी कुछ समय में छूट जाता है।

आकाओं से दूर पुलिस

अब तक पुलिस ने नकली करंसी के केस में मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश नहीं की और ना ही कभी करती है। पुलिस नोट बरामद करती है और आरोपी को जेल भेजकर इतिश्री कर लेती है। यह जानने की कोशिश नहीं होती कि नकली नोट बनाने वाला और बेचने वाल कौन है।

How to Identify Fake Rs 500 Rupee Notes

There are in all 11 markings or signs where you can check for authenticity of a fake note, say a Rs.500 note:

 

1. The floral design marked by number one in the picture above is actually ‘500‘ written half way। If you move the note against light you will be able to see the complete ‘500‘ written on it।

    

2. When viewed against light, this empty place has a hidden picture of Mahatma Gandhi, multi-directional lines and ‘500‘ written on it।

    

3. The colour of this ‘500‘ appears green as such, but if you tilt the note to a certain angle, it would turn blue।

    

4. The ground, on which the number of the note is printed, glows when exposed to ultraviolet light।

    

5. This thread which appears broken is actually complete and can be looked at from behind when put against light। In addition to this, you will be able to see ‘Bharat‘ ‘RBI‘ and ‘500‘ written on it।

    

6. The ‘panch sau rupiye‘ written in the middle as well as the ‘Reserve Bank of India‘ written on the top of the note, are written in raised ink and can thus be felt by hand।

    

7. Under the vertical floral design marked by number 7, you will find ‘500‘ written when held against light।

    

8. Behind Mahatma Gandhi‘s portrait, you will find ‘RBI‘ and ‘500‘ written, if you look with the help of a magnifying glass।

    

9. If you touch the note a little above the Ashoka emblem, you will be able to feel a small circle, although you won‘t be able to see it।

    

10. Right on the center bottom, on the back side of the note, the year the printing appears and you would be able to see it clearly।

    

11. On the back side of the note, you will be able to identify ‘500‘ entangled in the floral design। It would appear when looking at the note against light।

(Source: Reserve Bank of India website)

आए दिन फेक करंसी

- 27 अप्रैल 2013 को गाजियाबाद के कौशांबी बस अड्डे पर पांच लाख नब्बे हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए गए।

- 22 अप्रैल 2013 को कौशांबी बस अड्डे से नौ लोग और सात लाख रुपए के नकली नोट पकड़े गए थे।

- 20 अगस्त 2012 को सहारनपुर में पचास हजार रुपए की नकली करेंसी बरामद की गई थी।

- 23 जून 2012 को मेडिकल थाना क्षेत्र से पुलिस ने सहारनपुर के एक व्यक्ति से एक लाख अस्सी हजार रुपए के नकली नोट पकड़े थे।

- 14 मई 2010 को मेरठ में बीबीए के छात्र से ग्यारह लाख की फेक करेंसी पकड़ी थी। जिसके तार देवबंद से जुड़े हुए थे।

'बाजार में नकली करेंसी की समस्या होती है। उससे व्यापारियों को नुकसान होता है। दुकान पर भीड़ होती है तो ग्राहक देकर चला जाता है, वह जान-बूझकर या फिर अज्ञानता में दे गया हो। या फिर नकली नोट को चलाने का काम करता हो। दुकानदार का तो नुकसान होता है.'

- अरुण वशिष्ठ, संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष

'रिजर्व बैंक के सभी बैंक्स को इंस्ट्रक्शन हैं कि वे एटीएम में शॉर्ट कैश यानि छटे हुए नोट डालें। पुराना या कटा फटा नोट एटीएम में डाला ही नहीं जाता। एटीएम में डाले जाने वाले सभी नोट मशीन से होकर निकलते हैं। जिसमें नकली असली का पता चल जाता है.'

 - अनूप टंडन, मैनेजर यूनियन बैंक