- शहरवासी स्मार्ट सिटी के लिए वोटिंग करने में नहीं दिखा रहे दिलचस्पी

- एक दर्जन से अधिक हो चुकी है वोटिंग के लिए मीटिंग

- नगर निगम ने वोटिंग कराने के लिए हर विभाग में भेजा एक आदमी

Meerut: शहर की आबादी स्मार्ट सिटी को लेकर वोटिंग करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। आलम यह कि बीते छह दिनों में केवल पांच हजार लोगों ने ही स्मार्ट सिटी को वोट किया है। जबकि शहर की

आबादी 20 लाख से ऊपर है।

पार्षद भी उदासीन

नगर निगम के पार्षद भी वोटिंग कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। शहर में 80 वार्ड हैं और दस नामित पार्षद हैं। उधर नगर निगम में साढ़े तीन हजार सफाई कर्मी और सैकड़ों अधिकारी व कर्मचारी होंगे। इन सभी को मिला दिया जाए तो चार हजार से अधिक वोटिंग यही करा लेते है। लेकिन अभी तक नगर निगम अपने ही विभाग की वोटिंग नहीं करा पाया है।

वोटिंग को दर्जन भर मीटिंग

नगर निगम स्मार्ट सिटी के लिए अधिक से अधिक वोटिंग कराने के लिए एक दर्जन से अधिक मीटिंग करा चुका है। हर मीटिंग में सभी ने अधिक से अधिक वोटिंग कराने का दावा किया था। बावजूद इसके वोटिंग की संख्या केवल पांच हजार तक ही पहुंच पाई है। सामाजिक संगठन की बैठक में एक संगठन ने तो एक दिन में तीन हजार से अधिक वोटिंग कराने की बात कही थी।

वोटिंग नहीं तो स्मार्ट सिटी नहीं

25 जून तक वोटिंग होनी है। यदि इस प्रकार से वोटिंग चलती रही तो मेरठ स्मार्ट सिटी घोषित नहीं होगा। अब केवल 9 दिन बचे है।

हर विभाग में भेजा एक कर्मचारी

नगर निगम गुरुवार को हर सरकारी विभाग में वोटिंग कराने के लिए एक कर्मचारी को नियुक्त किया है। वह कर्मचारी विभाग में जाएगा और उस विभाग के सभी कर्मचारियों की वोटिंग कराएगा।

फॉर्म भरवा की जाएगी वोटिंग

नगर निगम ने वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अब फॉर्म छपवाए हैं। फॉर्म के माध्यम से लोगों का डाटा एकत्र किया जाएगा। प्रतिदिन उस एकत्र डाटा के माध्यम से वोटिंग कराएगा। इसके लिए चार लोगों को नियुक्त कर दिया गया है।

वोटिंग में धीरे-धीरे तेजी आ रही है। लोगों को जागरुक करने के लिए शहर में होर्डिग, स्टीकर, पंफ्लेट बनवाए गए हैं। मोबाइल वैन वार्डो में भेजी जा रही है। इसके अलावा जगह-जगह कैंप भी शुरू हो गए हैं।

डीकेएस कुशवाहा, नगर आयुक्त