- 13870 लीटर खाद्यान्न तेल एवं 155 किलो बेसन सीज तथा 12 नमूने लैब में भेजे

- 1.15 लाख रुपए की दवाएं सीज, दो ब्लड बैंकों पर हुई कार्रवाई

Meerut : उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधीय विभाग ने आज पूरे दिन सिटी के कई इलाकों में छापे मारी की। साथ कई चीजों के सैंपल भी लिए। छापामारी कार्रवाई के तहत टीमों ने खाद्य तेल के व्यापारियों के यहां छापे मार कर क्फ्870 लीटर खाद्य तेल सीज किया और क्ख् नमूने भरकर लैब में टेस्ट के लिए भेजे।

तेल हुआ सीज

खाद्य विभाग की चार टीमों ने मंगलवार को सदर बाजार क्षेत्र में स्थित मैसर्स ताराचन्द, अनिल कुमार, मैसर्स अजय कुमार, मैसर्स अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी, शुद्ध रेवडी भंडार, मैसर्स अग्रवाल नमकीन भण्डार, जगदीश प्रसाद एंड संस, मैसर्स कन्हैया लाल कस्तूरी लाल, मैसर्स सतीश चन्द एंड नेमी चन्द जैन के दुकानों का निरीक्षण किया। टीमों को सभी दुकानों पर मानक के विपरीत गंभीर अनियमितताएं मिली। मेरठ तेल भण्डार पर ख्700 किलो सरसों का तेल, भ्000 किलो पॉम आयल, अग्रवाल ट्रेडिंग कंपनी के यहां ख्9 टीन सोयाबीन तेल, साहिबा ट्रेडिंग कंपनी के यहां से ब्फ् टीन सरसों का तेल, जगदीश प्रसाद एंड सन्स के यहां से म्भ् टीन सरसों का तेल एवं ब्.भ् कुंतल खुला तेल, पारस तेल भण्डार के यहां से क्0 टीन सरसों का तेल एवं शुद्ध रेवड़ी भंडार के यहां से क्भ्भ् किलो बेसन सीज कर बिक्री के लिए प्रतिबन्धित किया।

फेल हुए नमूने

वहीं क्फ् दिसम्बर ख्0क्ब् को केसरगंज मंडी की शिकायत के आधार पर मैसर्स नन्हेंमल कैलाश चन्द फर्म से लिए गए थे। दिव्या गोल्ड ब्रांड सरसों के तेल की प्रयोगशाला से मंगलवार को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार नमूने में गंभीर मिलावट पाई गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार सरसों के तेल में अखाद्य रंग के साथ अन्य तेल की मिलावट मिली। लैब की रिपोर्ट के अनुसार तेल में वटर यलो रंग मिलाया गया था जिसमें विभिन्न प्रकार की आंत की बीमारी एवं अन्य रोग होत हैं। परतापुर क्षेत्र से संदेहास्पद ख् कुंतल खोया और कलाकन्द पकड़ा तथा नमूना जांच के लिए लिया गया।

ब्लड बैंकों पर हुई कार्रवाई

- जसवन्त राय अस्पताल में सफाई व्यवस्था भी नियमानुसार नहीं थी।

- रक्त संरक्षण और ब्लड बैंक के रिकार्ड मानक के अनुरूप नहीं थे। जिनकी रिपोर्ट कार्रवाई को शासन को भेजी गई।

- मेडिकल स्टोर की जांच पर मौके पर भ्भ् हजार रुपए की दवाओं की खरीद व विक्रय के बिल नहीं थे। उनकी बिक्री पर रोक के आदेश।

- फ् संदिग्ध दवाओं के नमूने दर्द निवारक, एंटीबायोटिक के लिए गये और उनको जांच हेतु लखनऊ प्रयोगशाला में भेज दिया गया।

सुभारती में छापा

- सुभारती मेडिकल कालेज के रक्त कोष के रैफ्रीजरेटर का रिकॉर्ड नहीं मिला।

- आपातकालीन दवाएं पूरी नहीं थी। कुछ दवाएं एक्सपायरी डेट की थी।

- कैंपस स्थित विराट मेडिकल स्टोर की दर्द निवारक, एंटीबायोटिक व मल्टी विटामिन कैप्सूल आदि संदिग्ध पांच दवाओं के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गये।

- मेडिकल स्टोर में रखी क्भ् प्रकार की लगभग म्0 हजार रूपए की दवाएं की बिक्री पर रोक लगा दी गई।

पाक साफ हैं तो विरोध क्यों?

व्यापारियों के विरोध को देखते हुए अब पुलिस अधिकारियों के अलावा फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट के लोग भी दबी जुबान से बोलने लग गए हैं। उनका कहना है कि अगर मेरठ व्यापारी पूरी तरह से पाक साफ है तो सैंपलिंग कराने का विरोध क्यों कर रहा है? जहां भी सैंपलिंग करने जाओ वहीं पर हंगामा शुरू हो रहा है। पुलिस और दूसरे डिपार्टमेंट के लोगों को अपना काम नहीं करने दिया जा रहा है। पुलिस और फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो अगर मेरठ की मार्केट में सब कुछ सही होता तो कोई बड़ा हंगामा करने की जरुरत नहीं होती। चुपचाप सब कुछ सैंपलिंग होती। व्यापारी अपनी कमियों को छिपाने के लिए हंगामा करने में लगे हुए हैं जो कि ठीक नहीं है।