- टेक्नीकल बिड में 94 प्रतिशत वाले फेल, 60 वाले कांट्रेक्टर पास

- सचिव ने लगाई अफसरों की क्लास, गहमागहमी का माहौल

Meerut: एमडीए में रात के अंधेरे में टेंडरों की बंदरबांट के बाद टेंडर प्रक्रिया में धांधली का नया मामला सामने आया है। एमडीए अफसरों ने अपने चहते कांट्रेक्टर्स को लाभ पहुंचाने के लिए कम ग्रेडिंग वाले कांट्रेक्टर्स को ग्रीन सिग्नल दे दिया, जबकि अधिक ग्रेड पाने वाले कांट्रेक्टर्स को फेल घोषित कर दिया।

दिन भर रही गहमागहमी

मंगलवार रात को टेंडर प्रक्रिया में धांधली के बाद अगले एमडीए में गहमागहमी का माहौल रहा। गड़बड़झाले की शिकायत पर सचिव कुमार विनीत ने टेंडरों की जांच की तो सारा का सारा काला चिट्ठा खुलकर सामने आ गया। टेंडर प्रक्रिया में न केवल धांधली बरती गई थी, बल्कि टेक्निकल बिड में मिली ग्रेड का खुलकर मजाक बनाया गया था। एमडीए के इस कारनामें में 90 प्रतिशत व उससे ऊपर मा‌र्क्स पाने वाले कांट्रेक्टर को जहां अपात्र घोषित किया गया था, वहीं 60 प्रतिशत वालों को पात्रता की सूची में शामिल किया गया था। प्राधिकरण कार्यालय में इस मामले को लेकर बुधवार को पूरे दिन गहमागहमी का माहौल बना रहा। सचिव कुमार विनीत अपने दफ्तर में एफसी वसी मोहम्मद, चीफ इंजीनियर एससी मिश्रा व अन्य अफसरों के साथ बैठकें करते नजर आए।

टेंडर प्रक्रिया से खिलवाड़

दरअसल, ये टेंडर 15 जनवरी को लगाए गए थे। इस दौरान नियमानुसार समस्त कार्रवाई पूर्ण कर ली थी। बावजूद इसके रात में टेंडर दुबारा खोलकर वेरीफिकेशन किया गया। कांट्रेक्टर्स के एक गुट का आरोप है कि इस दौरान चहेते कांट्रेक्टर्स को लाभ पहुंचाने के लिए फाइलों में बड़ा खेल किया जा रहा था। कांट्रेक्टर्स का आरोप है कि कबीना मंत्री के नजदीकी बताए जाने वाले एमडीए के अफसर की इशारे पर सब धांधली बरती गई है। आरोप है कि इस दौरान अधिक रैंकिंग वाले कांट्रेक्टर्स को फर्जी तरीके से अपात्र ठहराने का कार्य किया गया है।

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क्या है टेक्नीकल बिड

टेंडर प्रक्रिया के अंतर्गत कामों में टेक्नीकल बिड होती है। इस दौरान टेंडर और संबंधित कांट्रेक्टर्स के अनुभव, काम की वैल्यू, टर्न ओवर व विशेषता को देकर पात्रता तय की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान कांट्रेक्टर्स को मा‌र्क्स के हिसाब से रैंकिंग दी जाती है। इस रैंकिंग के आधार पर टेंडर के लिए कांट्रेक्टर की पात्रता या अपात्रता तय की जाती है।

कमिश्नर ने बैठाई जांच

कमिश्नर आलोक सिन्हा ने पूरे मामले पर जांच बैठा दी है। एमडीए सचिव कुमार विनीत को जांच कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इस जांच के दौरान एमएलसी चुनाव आचार संहिता में टेंडर प्रक्रिया व टेक्नीकल बिड में हुई धांधली की जांच की जाएगी।

टेक्नीकल बिड में हुई रैंकिंग का मामला गंभीर है। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि ऐसा क्यों और किस स्तर पर किया गया। यदि कहीं धांधली हुई है तो इस पर कार्रवाई की जाएगी।

कुमार विनीत, सचिव एमडीए