- नगर निगम के पास कूड़ा निस्तारण की कोई योजना नहीं

- शहर की पॉश कालोनियों के बीच में डाल रहे हैं कूड़ा

- संक्रमण रोग फैलने का खतरा और बदबू से जीना हुआ मुहाल

- कूडे़ से बिजली बनाने की योजना भी हुई फाइलों में बंद

- शहर से बाहर कचरा डालने की योजना पर नहीं हुआ काम

Meerut: सिटी को क्लीन रखने और स्वच्छ वातावरण देने के लिए कई विभाग योजनाओं की फाइल और वायदों का पिटारा साथ लिए घूम रहे हैं, लेकिन सिटी का हाल देखिए कि पॉश कालोनियों के बीच में ही कूड़ा घर बना रखा है और हर दिन कचरे के ढेर को पहाड़ बनाया जा रहा है। बात नगर निगम की करें तो उसके पास फिलहाल धरातल पर कूड़ा निस्तारण के लिए कोई योजना नहीं है। जबकि सालों पहले बनी कूडे़ से बिजली बनाने वाली योजना भी अंधेरे में है। उधर, शहर के बीच में डाले जा रहा कूड़ा जहां आसपास के वातावरण को दूषित कर रहा हैं वहीं मौसम के साथ संक्रमण रोग भी पब्लिक की हेल्थ पर हमला बोल रहे हैं।

कूडे़ में दबा निगम

नगर निगम के अनुसार शहर से हर दिन करीब क्00 टन कूड़ा निकलता है, जिससे शहर के बाहर बने डंपिग ग्राउड में पहुंचाया जाता है। लेकिन दावों को सच देखिए कि शहर की शायद ही ऐसी कोई कालोनी या मोहल्ला हो, जिसमें कूडे़ कचरे का ढेर ना लगा हो। दिल्ली रोड से लेकर बच्चा पार्क, गढ़ रोड पर अंबेडकर कॉलोनी के पास भी खाली जमीन नगर निगम का कूड़ा घर बना हुआ है। जबकि ये कालोनी पॉश कालोनियों में शुमार होती है।

कैसी पॉश कालोनी

शहर की पॉश माने जाने वाले कई इलाके हैं, लेकिन पॉश इलाकों का सच दिखाने के लिए दिल्ली रोड का एक उदाहरण ही काफी है। दिल्ली रोड पर मुकुट महल के पीछे नगर निगम ने कूड़ा डालकर कचरे का पहाड़ खड़ा कर दिया है। जबकि यह डंपिग ग्राउंड दिल्ली रोड के करीब होने के साथ अधिक पॉश मानी जाती है। इसके अलावा इसके पास सुपरटेक की बहु मंजिला आवासीय कालोनी और मॉल भी है। पास में सरस्वती लोक, ग्रीन विलेज, पॉम ग्रीन, सूर्या पैलेस हैं, लेकिन इन सब के बीच स्थित कूडे़ का मैदान पॉश इलाके के वातावरण के साथ उसकी सुंदरता पर भी अभिशाप है।

किसका गुनाह, किसे सजा

नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक डंपिग ग्राउंड के नाम पर उसके पास हापुड़ रोड पर शताब्दीनगर के पास, गढ़ रोड पर काली नदी के पास, किला रोड पर अब्दूल्लापुर के पास, मवाना रोड पर गंगानगर के पास, रोहटा रोड, सरधना रोड और दिल्ली रोड पर मुकुट महल के पीछे कुछ चुनिंदा स्थान है। लेकिन हाल देखिए, गढ़ रोड पर अंबेडकर कॉलेज के पास, बच्चा पार्क के पास ऐसी कई जगह है जहां नगर निगम ने ही अवैध डंपिग ग्राउंड बना दिए हैं। उधर, शहर के बीच और पॉश कालोनी में लगे कूडे़ के ढेर से पब्लिक को जीना दुश्वार हो रहा है।

सिर्फ नाम की योजना

सिटी को साफ रखने की योजना शहरी विकास मंत्रालय ने शुरू की। राज्य सरकार से होकर योजना सिटी तक पहुंची, लेकिन योजना पर कुछ काम नहीं हुआ। योजना के मुताबिक घरों के बाहर से ही कूड़ा उठाकर डंपिग ग्राउंड तक पहुंचाना था। जहां कचरे का निस्तारण मशीनों से होता। लेकिन मेरठ में योजना पर कुछ काम ही नहीं हो सका। उधर, नगर निगम ने कूडे़ निस्तारण के लिए अपने स्तर से भी योजना बनाई, लेकिन योजना शुरू होने के साथ ही दम तोड़ गई।

शुरू होते ही तोड़ा दम

साल ख्0क्क् में सिटी में कूड़ा निस्तारण के लिए ए टू जेड कंपनी को ठेका दिया गया था। कंपनी को सिटी में डोर टू डोर कूड़ा उठाना था। साथ ही कचरे को शहर के बाहर पहुंचाना था। कंपनी ने अपना काम सिटी में शुरू किया। लेकिन शुरू होने के साथ ही कंपनी विवादों में आ गई और कूड़े निस्तारण का काम फिर नगर निगम के पास आ गया। ऐसा ही हाल कूडे़ से बिजली बनाने वाली योजना का हुआ। साल ख्00म् में केंद्र ने राज्य सरकार के सहयोग से कूडे़ कचरे से बिजली बनाने की योजना पर काम शुरू किया। मेरठ में भी योजना को लेकर कई बार हल्ला मचा। गढ़ रोड पर स्थान पर चयनित किया गया, लेकिन फिर योजना फाइलों में कैद हो गई।

वर्जन

सिटी को साफ करने के लिए नगर निगम अपने स्तर से तमाम प्रयास कर रहा है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने की योजना भी इसी सप्ताह शुरू हो जाएगी। इसके अलावा सिटी के बीच में स्थिति डंपिग ग्राउंड को शहर के बाहर ले जाने की भी योजना पर काम चल रहा है।

- अब्दूल समर, नगरायुक्त

नगर निगम की प्राथमिकता में शहर को स्वच्छ रखा पहले नंबर पर है। डंपिग ग्राउंड को जल्द ही सिटी के बाहर किया जाएगा। इसके अलावा कूड़ा निस्तारण की योजना पर काम चल रहा है।

- हरिकांत अहलुवालिया, मेयर