मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

कोरोना मरीजों में मशीन से होगी ऑक्सीजन कंट्रोल

Meerut । एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज अब हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन से होगा। इससे जहां मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को तुरंत दूर किया जा सकेगा वहीं मशीन से इलाज में देरी की दिक्कत भी दूर होगी। डॉक्टर्स का कहना है कि सांस के मरीजों के लिए ये काफी फायदेमंद साबित होगी।

ये होगा फायदा

कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। फेफड़ों में वायरस कॉलोनियां बना लेता है। और नसें ब्लॉक हो जाती है इसकी इस वजह से शरीर में ऑक्सीजन लेवल बहुत तेजी से घटने लगता है। ऐसे में मरीज को तुरंत ही ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। इसके लिए वेंटिलेटर से ऑक्सीजन थैरेपी देकर ऑक्सीजन की पूíत का प्रयास किया जाता है, लेकिन अब पहले हाई फ्लो नेजल कैनुआ मशीन का प्रयोग किया जाएगा। इसके जरिये मरीज को एक मिनट में 60 लीटर तक ऑक्सीजन दी जा सकती है। फिलहाल, सामान्य ऑक्सीजन पाइप से 15 लीटर तक ऑक्सीजन मिलती है।

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95 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल जरूरी

सामान्य तौर पर लोगों में 95 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल जरूरी होता है। वहीं कोरोना संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन की कमी बड़ी समस्या के तौर पर सामने आ रही है। वहीं, इसकी कमी के चलते कई लोग अपनी जान भी गवां चुके हैं। इसके अलावा ऑक्सीजन की कमी से इम्युनिटी पावर कम होने की भी संभावना रहती है। जिसकी वजह से बीमारी का असर तेजी से होने लगता है.मरीजों को 60 लीटर तक ऑक्सीजन देने से जान बचाई जा सकती है।

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इनका है कहना

मरीजों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से सांस न लेने की दिक्कत सामने आती है। बीमारी की वजह से मरीज की सांस नली और फेफड़ों में सूजन हो जाती है और उसकी हालत गंभीर हो जाती है।

डॉ। ज्ञानेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

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वेंटिलेटर की नौबत न आए इसके लिए हाई फ्लो नेजल कैनुला मशीन का इस्तेमाल शुरू किया गया है। इस मशीन के प्रयोग से 24 से 48 घंटे में मरीज की स्थिति सुधरने की उम्मीद है।

डॉ। सुधीर राठी, नोडल प्रभारी कोविड अस्पताल

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इसलिए है कारगर

- हाई फ्लो नेजल विधि में कई गुना अधिक ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है। मास्क के जरिए फेफड़ों में प्रति मिनट 5 से 6 लीटर ऑक्सीजन ही जाती है।

- हाई फ्लो नेजल विधि से प्रति मिनट 20 से 50 लीटर ऑक्सीजन दी जाती है।

- ये काम वेंटीलेटर भी करता है, लेकिन हाई फ्लो नेजल विधि में यह कार्य आसानी से किया जा सकता है। कई जगह यह प्रयोग शुरू किया जा चुका है।

बढ़ेगा रिकवरी रेट

हाई फ्लो नेजल विधि से रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हो सकती है।

डॉक्टर्स के मुताबिक जिन मरीजों में सर्वाइवल के चांसेज कम होते हैं, उनको इस विधि से राहत मिलेगी।

गंभीर मरीजों को हाई फ्लो नेजल विधि पर डालने से उन्हें वेंटीलेटर की जरूरत कम पड़ेगी।