- गंगानगर के आईआईएमटी में नकलची टीशर्ट में माइक्रोफोन, सिम और चिप छिपाकर कर रहे थे

- परीक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद जमानत पर छोड़ा

 

Meerut : रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ऑनलाइन परीक्षा में नकल के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। रविवार को परीक्षा के दौरान एक सेंटर से आठ मुन्नाभाई माइक्रोफोन से नकल करते हुए पकड़े गए। नाटकीय घटनाक्रम में पुलिस ने घंटों जद्दोजहद के बाद हिरासत में लिया। शाम होने तक सभी मुन्नाभाई जमानत पर छोड़ दिए गए। पूरा मामला एक बडे़ रैकेट से जुड़ा होने का सामने आ रहा है। इससे परीक्षा से लेकर पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया है।

 

कॉलर में लगा था माइक्रोफोन

रविवार को शहर में आरआरबी (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) की विभिन्न पदों के लिए परीक्षा थी। आईआईएमटी सेंटर पर सुबह नौ से साढ़े दस बजे की पाली के बीच 620 अभ्यर्थियों को परीक्षा थी। परीक्षा शुरूहोने के कुछ समय बाद ही एक परीक्षक ने परीक्षा कक्ष में एक अभ्यर्थी को बात करते हुए पकड़ लिया। तलाशी में अभ्यर्थी की टीशर्ट से वायर व चिप बरामद की गई। टीशर्ट की कॉलर में माइक्रोफोन लगा था। अन्य अभ्यर्थियों की जांच में इसी तरह की टीशर्ट पहने आठ और युवक मिले, जिनके कॉलर में माइक्रोफोन लगा था। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची।

 

तहरीर देने से झाड़ा पल्ला

आठ मुन्नाभाइयों को पकड़ने के बाद भी केंद्र पर मौजूद रेलवे के अधिकारी सीनियर सेक्शन इंजीनियर जितेंद्र कुमार ने तहरीर देने से पल्ला झाड़ लिया। इसके चलते पुलिस ने नकलचियों को पकड़ने से हाथ खड़ा कर लिया। मीडिया में नकलचियों की तस्वीर आने पर चार घंटे की जद्दोजहद के बाद टीसीएस कंपनी से विशाल मित्तल ने तहरीर दी। पुलिस ने परीक्षा अधिनियम 3/9 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन देर शाम कुछ नेताओं के दबाव में सभी आरोपियों को छोड़ दिया गया।

 

 

पकडे़ गए ये आरोपी

पंकज तोमर पुत्र सहदेव निवासी बड़ौत, राहुल शर्मा पुत्र मंगीराम शर्मा निवासी हापुड़, अमित कुमार पुत्र तुलसी शर्मा निवासी मोदीनगर, विनय कुमार पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी रोहटा रोड, ग्राम रजापुर, थाना सरूरपुर, मौनपाल सिंह पुत्र सत्यपाल पुत्र कंकरखेड़ा, प्रदीप कुमार पुत्र राजवीर सिंह निवासी छपरौली, रोहित कुमार पुत्र सोहनवीर कुमार निवासी सी-ब्लाक गंगानगर व ¨पटू कुमार पुत्र आसाराम निवासी बागपत।

 

 

स्पेशल टीशर्ट

नकल करते हुए आरोपी युवकों से टीसीएस कंपनी के कर्मचारियों ने माइक्रोफोन, चिप, सिम व वायर आदि सामान बरामद किया। पूरे सिस्टम को ताबीज के आकार में तैयार कर टीशर्ट में सेट करने के बाद सिलाई के द्वारा फिट किया गया था। सभी ने काले रंग की टीशर्ट पहनी थी।

 

लाखों में हुआ था सौदा

पकडे़ जाने के बाद मुन्नाभाई युवकों का कहना था कि उनसे किसी व्यक्ति ने परीक्षा पास कराने की एवज में पांच से आठ लाख तक का सौदा तय कर रखा था। हालांकि पकडे़ गए आठ में से किसी के पास भी इससे अधिक जानकारी नहीं थी। आठ में से कुछ ने बीस हजार से लेकर एक लाख रुपये तक एडवांस रकम का भी भुगतान किया हुआ था। एक नकली ने बताया कि गंगानगर में उसे में ही टीशर्ट दी गई थी। आशंका है कि यह बड़े रैकेट का कारनामा है, जिसने कई परीक्षाओं में ऐसे ही कई मुन्नाभाइयों को पास कराया है।

 

 

मंत्रियों की सिफारिशों की लगी कतार

आठ मुन्नाभाइयों को जैसे ही पुलिस गिरफ्तार कर थाने लेकर पहुंची, वैसे ही पुलिस के पास कई मंत्रियों व नेताओं की सिफारिश आनी शुरू हो गई।