सितंबर में कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा मौतें, 30 दिनों में मौत का आंकड़ा हुआ 105

रिकवरी रेट में भी दर्ज की गई बढ़ोतरी, तेजी के साथ ठीक हो रहे कोरोना के मरीज

Meerut। कोरोना वायरस मरीजों पर कहर ढाने लगा है। संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के साथ ही मरीजों की मौतों का आंकड़ा भी डराने लगा है। वहीं बढ़ता रिकवरी रेट राहत भरी खबर लेकर आया है। कोरोना काल के बीच रिकवर मरीजों का आंकड़ा पॉजिटिव मरीजों की अपेक्षा ज्यादा होने लगा है। ये खुलासा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। इसके तहत पिछले 10 दिनों में रिकवरी रेट बढ़ा है।

गंभीर हुए हालात

सितंबर के महीने में 105 मरीजों को जान कोरोना वायरस लील गया। ये अब तक किसी माह में हुई मौतों का सबसे अधिक आंकड़ा है। वहीं मेडिकल कॉलेज के एल-3 अस्पताल का हाल भी बेहाल है। यहां मेरठ समते दूसरे जिलों के एडमिट मरीजों की रिकॉर्ड तोड़ मौत हो रही हैं। शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार हर दिन औसतन पांच मौतें यहां भी हुई है। बढ़ते मौतों के आंकड़ों को रोकने के लिए जहां शासन ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। वहीं डॉक्टर्स की टीम भी डेथ ऑडिट करने में जुटी हुई है।

ये है स्थिति

जिले में कोरोना वायरस का प्रकोप 27 मार्च से शुरू हुआ था जबकि मौतों का सिलसिला अप्रैल में चालू हुआ था। अप्रैल से अगस्त तक कुल 120 मरीजों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई थी। जबकि सिर्फ सितंबर माह में 105 मरीजों की जान संक्रमण के कारण चली गई। यानी सितंबर महीने में मौतें के सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए।

जरा समझ लें

1-10 सितंबर 23 मौतें

11-20 सितंबर 45 मौतें

21-30 सितंबर 37 मौतें

कुल मौतें- 105

इलाज मिलने में देरी

कोरोना वायरस से होने वाली मौतें की बड़ी वजह मरीजों को मिलने वाले इलाज में देरी है। मरीजों के बीमारी छुपाने से लेकर प्राइवेट अस्पतालों से मरीजों को रेफर करने में देरी है। मेडिकल कॉलेज में हुई 70 से अधिक मौतें ऐसी हुई, जिसमें मरीज की जान 24 घंटे से लेकर 48 घंटे के बीच ही हो गई। डॉक्टर्स का कहना है कि मरीजों को लेवल-3 सेंटर तक पहुंचने तक में इतनी देर हो जा रही है कि इलाज कारगर साबित नहीं हो पा रहा है।

दूसरी गंभीर बीमारी भी वजह

कोरोना संक्रमण के साथ ही मरीजों में दूसरी गंभीर बीमारियां मौत के बढ़ते आंकड़ों की मुख्य वजह हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि वायरस की वजह से शरीर में मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर होता है। वहीं हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक की वजह से भी मरीजों की जान जा रही है। इसके अलावा फेफड़ों की धमनियां ब्लॉक होने की वजह से मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। बॉडी में ऑक्सीजन लेवल मेंटेन नहीं हो पा रहा है और मरीज की मौत हो जा रही है। इसके अलावा मरीजों में शुगर, हार्ट और किडनी की बीमारी भी मौत की वजह बन रही है।

सितंबर में दूसरी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में जहां मरीज में कोरोना संक्रमण की पहचान देर से हो रही है। वहीं उन्हें रेफर भी काफी देर से किया जा रहा है। कुछ मरीजों की मौत रेफर करने के 2 घंटे से लेकर 48 घंटे के बीच हो गई। जबकि कुछ मरीजों की डेथ रास्ते में ही हुई है। गंभीर मरीजों को तत्काल लेवल-3 अस्पताल में एडिमट करने का प्रयास करना होगा।

डॉ। ज्ञानेंद्र सिंह, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज

अक्टूबर में मिली राहत

सितंबर के बाद अक्टूबर महीने के तीन दिनों में मरीजों के रिकवरी रेट में भी काफी अंतर आया है। तीन दिनों में जहां कुल पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 419 रहा, वहीं रिकवर मरीजों की कुल संख्या 465 रही है। सीएमओ डॉ। राजकुमार का कहना है कि इस मौसम में जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन को फॉलो करें।

ये हैं आंकड़े

डेट- पॉजिटिव-रिकवरी

24 सितंबर- 189- 108

25 सितंबर - 196- 164

26 सितंबर - 162- 170

27 सितंबर - 180- 174

28 सितंबर - 184- 154

29 सितंबर - 238- 257

30 सितंबर - 168- 259

1 अक्टूबर - 80- 120

2 अक्टूबर - 186- 191

3 अक्टूबर - 153- 154

कुल पॉजिटिव- 1736

कुल रिकवर- 1751