मेरठ (ब्यूरो)। पहले से ही एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके स्टूडेंट्स तय समय पर एडमिट कार्ड के साथ एग्जामिनेशन सेंटर पर पहुंच गए। यहां स्टूडेंट्स का वेरीफिकेशन करने के बाद एग्जामिनेशन सेंटर पर उन्हें एंट्री दी गई।

पहली बार भरी ओएमआर
आईआईटी टेस्ट सीजन-9 की परीक्षा में अधिकांश स्टूडेंट्स ऐसे थे, जिन्होंने पहली बार ओएमआर शीट को भरने का तरीका समझा। क्योंकि ये एग्जाम क्लास फाइव से लेकर इंटर तक के स्टूडेंट्स के लिए था। ओएमआर शीट भरने से लेकर एग्जाम देने तक को लेकर स्टूडेंट्स में काफी उत्साह था।

आठ तरह के सवाल
आईआईटी टेस्ट सीजन-9 में स्टूडेंट्स ने क्वेश्चन सॉल्व कर अपनी योग्यता को परखा। एग्जाम में स्टूडेंट्स म्यूजिकल इंटरपर्सनल, इंट्रापर्सनल, मैथेमेटिक्स और साइकोलॉजिकल, बायो, कैमिस्ट्री, फिजिक्स और कॉमर्स आदि के सवालों में उलझते दिखे। मगर परीक्षा देकर एग्जाम सेंटर्स से बाहर निकले अधिकांश स्टूडें्टस फील गुड और आत्मविश्वास से भरे हुए थे।

लगाना पड़ा दिमाग
इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट के दौरान क्लास फिप्थ से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए अलग-अलग परीक्षा का आयोजन हुआ। इस दौरान स्टूडेंट्स माइनस मार्किंग से बचने के लिए पूरी सजगता से क्वेश्चन का आंसर देते दिखे। हालांकि सब्जेक्ट वाइज प्रश्नों को सॉल्व करने में स्टूडेंट्स को कुछ प्रश्नों को छोड़कर ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। तार्किक प्रश्नों को सॉल्व करने में उन्हें अधिक दिमाग लगाना पड़ा। क्लास 11 की अग्रिमा ने बताया कि पेपर अच्छा आया था, लेकिन मैथ्स का पोर्शन थोड़ा टफ था। माइनस मार्किंग के चलते स्टूडेंट्स ने केवल उन्हीं क्वेश्चन के लिए अटेंप्ट किया, जिनके आंसर उन्हें कंफर्म थे।

प्रश्नों का स्टेंडर्ड काफी अच्छा था। इस बार जो कमी रही वो अगली बार नहीं रहेगी। अच्छे से तैयारी करके फिर से टेस्ट देंगे।
सोनू, स्टूडेंट

ऐसे टेस्ट में शामिल होने से कॉन्फिडेंस काफी बढ़ता है, जो आगे चलकर ऐसे टेस्ट में शामिल होने वाले डर को खत्म कर देता है।
श्रेया, स्टूडेंट

वाकई पेपर देकर बहुत मजा आया लेकिन हमने बहुत से सवालों पर काफी सोचा और फिर उनका आंसर दिया।
दिवा गुप्ता, स्टूडेंट

पेपर देने से पहले थोड़ा टेंशन थी, लेकिन सब कुछ सिलेबस से आया। एग्जाम से बड़ा फायदा हुआ कि रीविजन भी हो गया।
नियति गुप्ता, स्टूडेंट

टेस्ट बहुत आसान था। पहली बार इस तरह का एग्जाम दिया तो काफी कुछ सीखने को मिला।
श्रेया चौधरी, स्टूडेंट

पेपर बहुत ही अच्छा गया है, आसान सवाल थे। हालांकि थोड़े घुमाकर पूछे गए थे। जिन पर थोड़ा ज्यादा टाइम लगा।
सेजल कौशिक, स्टूडेंट

एग्जाम को लेकर बच्चों में बहुत ही क्रेज था। वो पेपर देने के बाद बहुत खुश नजर आए। बच्चों के अनुसार सब सिलेबस से ही आया था।
वृद्धा, सीनियर टीचर, गार्गी गल्र्स स्कूल

पेपर आसान था और बहुत ही अच्छे लेवल के सवाल आए थे। इस तरह के एग्जाम बच्चों के आईक्यू लेवल को भी बढ़ाते हैैं।
अराधना सीनियर टीचर, गार्गी गल्र्स स्कूल

हमारे स्कूल में हर साल दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा आईआईटी एग्जाम कराया जाता है। इसका बच्चों को इंतजार रहता है।
सोनू वाधवा, सीनियर टीचर, दीवान पब्लिक स्कूल

आईआईटी एग्जाम सभी बच्चों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। एग्जाम देने को लेकर बच्चों में काफी उत्साह था।
ऋचा महाजन, सीनियर टीचर, सेंट जोंस स्कूल

बच्चों ने बताया कि पेपर बहुत ही अच्छा आया था। जो भी सवाल थे वो सब सिलेबस से थे। उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला।
डॉ। शशि त्यागी, सीनियर टीचर, बीएनजी स्कूल

इस तरह के एग्जाम समय-समय पर आयोजित होने चाहिए। इससे बच्चों का रिवीजन होता है, साथ ही उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
नम्रता बंसल, सीनियर टीचर, सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल

आईआईटी में जो भी सवाल आए थे उनका स्टैैंडर्ड हर क्लास वाइज तैयार किया गया था। बच्चों ने बहुत कुछ गेन किया।
रितुल अरोड़ा, कोर्डिनेटर एंड सीनियर टीचर, केएल इंटरनेशनल