लोगों की रुचि बढऩे लगी है
शादी-ब्याह सिर्फ दो लोगों का जुडऩा ही नहीं बल्कि दो परिवारों का जुडऩा माना जाता है। पहले कभी रिश्ते तय करने के लिए लोग अपने रिश्तेदारों और सगे संबंधियों की मदद लिया करते थे। मगर वक्त के साथ हाईटेक होती हमारी जिंदगी में नए रिश्ते बनने की शक्ल भी बदल रही है। अब लोग ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन को मिक्स एंड मैच का बेहतरीन जरिया मानने लगे हैं। साल 2013 के पिछले छह माह में सामने आए आंकड़े इस बात की पुष्टी करते हैं कि मैट्रिमोनियल साइट्स में लोगों की रुचि बढऩे लगी है।
हुई दमदार बढ़ोतरी
भारतीय इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन और इंडियन मार्केट रिसर्च ब्यूरो द्वारा जारी इंटरनेट इकोनॉमी वॉच डाटा के अनुसार, वैवाहिक पोर्टल पर वर अथवा वधू के बारे में जानकारी अपलोड करने के मामलों में इस साल जनवरी के बाद से काफी तेजी आई है। जनवरी से जुलाई की अवधि तक इसमें 124 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसके अनुसार जनवरी में इस तरह के प्रोफाइल जहां 8.50 लाख थे, वहीं जुलाई तक इनकी संख्या 19.10 लाख तक पहुंच गई। भारतीय इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन के अनुसार डिजिटल उद्योग के लिए यह अच्छी खबर है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि ग्राहक अब डिजिटल क्षेत्र पर गौर करने लगे हैं और उनका इस पर विश्वास बढ़ रहा है। गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण में कुल 28 वैवाहिक पोर्टल को शामिल किया गया।
ऑन लाइन मैरिज
अब सिर्फ अखबारों और रिश्तेदारों की मदद से ही लड़के-लड़की की शादी नहीं होती। शादी के लिए अब ऑन लाइन मैट्रिमोनियल साइट्स का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। हर साइट पर फ्री और पेड रजिस्ट्रेशन की सुविधा होती है। फ्री रजिस्ट्रेशन कुछ समय के लिए वैलिड होता है। पेड रजिस्ट्रेशन में करीब साढ़े तीन हजार रुपये लगते हैं। इस रजिस्ट्रेशन के बाद व्यक्ति को एक आईडी नंबर मिल जाता है। उस आईडी नम्बर को ओपन करके रजिस्टर्ड पर्सन के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। इस तरह से कई नए रिश्ते बने हैं।
हमारा नंबर कब आएगा
ऑन लाइन मैट्रिमोनियल साइट्स पर रजिस्ट्रेशन करने वाले लोग चाहें बढ़ जाएं मगर कुछ ऐसे ऑक्यूपेशंस हैं जिनकी अभी तक इन साइट्स पर कोई जगह नहीं बनी है। जब आप साइट पर कोई डिटेल फॉर्म फिल करें तो आप गौर फारमाएं कि यहां बहुत सारे ऑक्यूपेशंस दिए गए हैं। जिसमें सरकारी अधिकारी से लेकर बिजनेस तक के ऑप्शन हैं, जिन्हें आप अपनी बेटी के लिए चुन सकते हैं मगर यहां आपको नेता, पत्रकार जैसे कई ऑप्शन ढूंढे से नहीं मिलेंगे। कुछ ऑक्यूपेशंस को इग्नोर किया जाना गलत है मगर ये भी हकीकत है कि लोग अपनी बेटी के लिए वही लड़का चुनना चाहते हैं जो खूब पैसे कमाता हो मगर उसकी छवि आदि चीजों को भी ध्यान में रखा जाता है।
सुविधाजनक है, इसलिए बुरा नहीं है
शास्त्री नगर सेक्टर दो में रहने वाले देवेन्द्र शर्मा अपनी बेटी के लिए रिश्ता ढूंढ रहे हैं। बातचीत आगे बढ़ी तो बेटी का बायोडाटा और फोटो अपने रिश्तेदारों के पास भेजे तो उनके पास एक मेल आई। जिसमें कई लड़कों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उस लिंक को सलेक्ट किया तो जीवनसाथी मेट्रिमोनियल साइट का होम पेज खुल गया। यहां पर रजिस्ट्रेशन के लिए ऑप्शन दिया गया था। देवेन्द्र ने अपनी बेटी के बारे में सारी डिटेल वहां दी और रजिस्ट्रेशन फीस भी जमा कर दी। अब उनके पास हर हफ्ते कई लड़कों के फोटो, नम्बर और बाकी डिटेल साइट की तरफ से आती है। देवेन्द्र कहते हैं ये काफी सुविधाजनक है इसलिए मुझे इसमें कोई बुराई नहीं लगती।
आखिर क्यों बढ़ा क्रेज
मेट्रिमोनियल साइट्स की तरफ लोगों का रुझान बढऩे के कई कारण हैं। इनमें पहला कारण ये है कि आज रिश्तेदारों की मदद से शादी-ब्याह के फैसले कम लिये जाने लगे हैं। इसलिए सर्किल लगातार घट रहा है। ऐसे में बेटे और बेटी की शादी के लिये रिश्ते मिलने में दिक्कत होती है।