मेरठ (ब्यूरो)। अंगदान के प्रति जागरुकता के लिए शनिवार को मेडिकल कालेज में अंग दान एवं देहदान पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान देहदान के प्रति जागरुकता के लिए जानकारी उपलब्ध कराई गई।

सभी धर्मों में देहदान सर्वोपरि
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ। वीडी पाण्डेय ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन मेडिकल के शरीर रचना विभाग ने किया। डॉ। प्रीति सिंह विभागाध्यक्ष शरीर रचना विभाग ने अंग दान के लिए शपथ दिलाई और कार्यक्रम का संचालन डॉ। वीडी पाण्डेय ने किया। मुख्या वक्ता के रुप में अपना व्याख्यान देते हुए वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ एवम प्रधानाचार्या प्रोफेसर डॉ। आरसी गुप्ता ने अंग दान की अवधारणा एवं समाजिक रूढि़वादिता को विस्तार से बताया। डॉ। गुप्ता ने यह भी बताया कि सभी धर्मों में दान को सर्वोपरि बताया गया है। भारत में जितनी मृत्यु होती है यदि सभी लोग नेत्र दान कर दें तो छह माह में भरत से अंधता समाप्त हो सकती है। नेत्र दान मृत्यू के पश्चात जड़े के दिनों में 6 घंटे और गर्मी में 4 घंटे के अंदर कर देना चाहिए। यदि घर में एसी हो तो मृत मानव शरीर को एसी कमरे में रखें यदि ना हो तो रुमाल या साफ गीला कपड़ा कर मृत व्यक्ति के नेत्रों पर रख देना चाहिए।

कानूनी प्रक्रिया की दी जानकारी
डॉ। धीरज राज बालियान ने बताया कि लीवर एवम गुर्दा प्रत्यारोपण एवं दान करने की कानूनी जटिलताओं एवम दाताओं के आपसी सहमति से एक दूसरे के मरीज के लिए गुर्दा दान करने की कानूनी प्रक्रिया की जानकारी दी। राकेश कुमार अग्रवाल अध्यक्ष दधीचि देह दान समिति एवम संयोजक भारत विकास परिषद् ने बताया कि देह दान महादान है। डॉ। अनलजीत सिंह जोनल सेक्रेटरी दधीचि देहदान समिति ने बताया कि समिती मानव कल्याण के बहुत से कार्य कर रही है जैसे रक्त दान, नेत्र दान, देह दान प्रमुख हैं इस के लिए समय समय पर आम जनमानस को जागरुक भी किया जाता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ। प्रीती सिंह विभागाध्यक्ष शरीर रचना विभाग ने सभी को अंगदान एवम देहदान के लिए सपथ दिलाई।