- दिनभर जाम के झाम में फंसे रहते हैं मुसाफिर
- 10 मिनट का सफर होता है 40 मिनट में तय
- ट्रैफिक पुलिस द्वारा उगाही करना भी है जाम का बड़ा कारण
- आलाधिकारी नहीं है मामले को लेकर गंभीर
Meerut: कहने को तो मेरठ मेट्रो सिटी के नाम से जाना जाता है। लेकिन जाम के मामले में समस्या जस की तस बनी हुई है। मेरठ में जाम ने मुसाफिरों की जान निकाल रखी है। जिसको लेकर शहरवासी परेशान हैं। साथ ही बाहर से आने वाले यात्री भी रोजाना जाम से दो चार होते हैं। जाम की समस्या को लेकर पुलिस के सभी दावें खोखले साबित हो रहे हैं।
मेरठ के जाम प्वाइंट
जीरोमाइल चौराहा
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार जीरोमाइल चौराहे से रोजाना ख्0 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है। चौराहे पर दो ट्रैफिक पुलिस के जवान भी तैनात होते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी दिनभर लोग जाम से जूझते रहते हैं।
जाम लगने के कारण
- चौराहे पर रेड लाइटों का ठीक न होना
- वाहन चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन न करना
- सिटी बसों का कहीं भी रोककर सवारियां बैठाना
- चौराहे पर वाहन स्वामियों द्वारा बेरतीब तरीके से वाहन खड़ा करना
- ट्रैफिक पुलिस का सुस्त होना
जाम का पीक टाइम
जीरोमाइल चौराहे पर सुबह 9 बजे से क्क् बजे तक
वाहनों का आवागमन: म्000 से 9000
वाहनों की औसत स्पीड : भ् से 7 किमी प्रति घंटा
शाम ब् बजे से 8 बजे तक वाहनों का आवागमन: क्0000 से क्भ्000
औसत स्पीड : फ् से 7 किमी
क्या कहते हैं बाशिंदे
जीरोमाइल चौराहे पर पुलिस को सख्ती दिखानी चाहिए। गर्मी के दिनों में पुलिस वाले पेड़ की छाया खोजते हैं। जिसके चलते वाहन चालक मनमानी करते हैं और जाम लग जाता है। जिसे खुलवाने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
- विशाल चौधरी व्यापारी, कैंट
जीरोमाइल चौराहे के आगे पिंकी छोले भटूरे के सामने बिजनौर जाने वाली सवारियां खड़ी रहती हैं। रोडवेज बस वाले चालक वहां बसों को रोकते हैं। जिससे दस मिनट में ही जाम लग जाता है। जिसे खुलवाना बहुत मुश्किल होता है।
- धरमू यादव, लालकुर्ती निवासी
जीरोमाइल चौराहे पर टै्रफिक पुलिस वाले दुपहिया वाहनों को रोकर उनके पेपर चैक करने लगते हैं। जिसके चलते पिछला ट्रैफिक रूक जाता है। जो आगे चलकर जाम में तब्दील हो जाता है।
-मोनू, जीरोमाइल चौराहा
कचहरी पुल
ट्रैफिक पुलिस कार्यालय के अनुसार कचहरी पुल से रोजाना लगभग क्भ्000 हजार वाहन आते और जाते हैं। वहां दिनभर भारी जाम होता है। इतना जाम होने के बावजूद भी कचहरी पुल पर कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं किया गया है। जिसके लोग चलते भीषण गर्मी में जाम के झाम में फंसे रहते हैं।
क्या है कारण
-बिना पार्किंग के वाहन
खड़े होना है।
- पुलिस का तैनात न होना
- रोड पर डिवाइडर न होना
- दुपहिया वाहन चालकों को लाइन में न चलना
जाम का पीक टाइम
- सुबह क्क् बजे से क् बजे तक औसत म्000 से क्0000 वाहनों का आवागमन होता है।
- औसत स्पीड ख् से ब् किमी प्रति घंटा
- शाम ब् बजे से 8 बजे तक 7000 से 9000 वाहनों का आवागमन
- औसत स्पीड फ् से म् किमी प्रति घंटा
मैं एक निजी कंपनी के कार्यालय में काम करती हूं। मेरे ऑफिस की दूरी घर से मात्र ख्0 मिनट की है, लेकिन कचहरी पुल पर लगे जाम के कारण मैं पूरे क् घंटे में ऑफिस पहुंचती हूं।
- दिपांशी, पीएल शर्मा रोड निवासी
ऑटो व रिक्शा वाले जहां मर्जी वहां रोककर सवारियां बैठाने लगते हैं। जिसके चलते कचहरी पुल पर जाम की स्थिति बन जाती है। यह जाम फिर घंटों में खुलता है।
- जोनी कुमार, स्टूडेंट मेरठ कॉलेज
कचहरी पुल पर ट्रैफिक पुलिस का तैनात न होना जाम का बड़ा कारण है। पुल पर पार्ट टाइम पुलिस कर्मी रहते हैं। जो कुछ ही देर में चले जाते हैं। जिससे दुपहिया वाहन चालक अपनी मर्जी से वाहनों को इधर-उधर घुंसाते हैं
- रफीक व्यापारी, कचहरी पुल निवासी
बेगमपुल चौराहा
बेगमपुल चौराहा शहर के मुख्य चौराहों में से एक है। यहां पर गढ़ रोड, दिल्ली रोड, रूडकी रोड, बिजनौर रोड आकर मिलते हैं। इस चौराहे से ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार हर घंटे औसत फ् हजार वाहनों का आवागमन होता है। जिसमें बाहरी मुसाफिर ज्यादा होते हैं। इस चौराहे पर रात के ख् बजे तक भी जाम की स्थिति बनी रहती है।
जाम के कारण
सिटी बसों का चौराहे पर रोककर सवारी बैठाना, रिक्शाओं का जमवाड़ा, रेड लाइट जंप करना, दुकानों के आगे वाहन पार्क करना, रांॅग साइड से वाहन ले जाना
जाम का पीक टाइम
- क्क् बजे से ख् बजे तक 9000 हजार से क्क्000 वाहनों का आवागमन होता है
- औसत स्पीड ख् से भ् किमी प्रति घंटा
- शाम ब् बजे से रात ख् बजे तक क्भ्000 से ख्0000 वाहनों का आवागमन होता है
- औसत स्पीड: भ् से 8 किमी प्रति घंटा
वर्जन
डग्गामार बसों द्वारा बीच सड़क पर बस रोककर सवारी बठाना बेगमपुल चौराहे पर जाम का मुख्य कारण है। अगर पुलिस डग्गामार बसों का संचालन बंद कर दे तो जाम से पूरे शहर को राहत मिल जाएगी।
- अमजद व्यापारी, बेगमपुल चौराहा
बेगमपुल चौराहे पर पुलिस बेवजह बेरिकेटिंग लगा देती है। जिससे सड़क की चौड़ाई वाहनों के हिसाब से कम पड़ जाती है। जिसके चलते चौराहे पर दिनभर जाम रहता है।
- रहीस व्यापारी, गढ़ रोड निवासी