- खुंखार कैदियों की रक्षा कर रहे होमगार्ड

-जेल में सुरक्षा संबंधी 50 फीसदी स्टाफ भी नहीं

Meerut: मेरठ जिला कारागार में आए दिन हो रही घटनाओं के बावजूद भी जेल प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिसका जीता-जागता उदाहरण शनिवार देखने को मिला। जब एक बंदी ने जेल परिसर में ही फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। रिकॉर्ड के अनुसार अभी जेल में कैदियों संख्या दोगुनी है। लेकिन उनकी सुरक्षा में लगा स्टाफ 50 फीसदी भी नहीं है। जेल में इजाज जैसे कुख्यात एजेंट बंद हैं। लेकिन उनकी सुरक्षा होमगार्डो से कराई जा रही है।

50 फीसदी स्टाफ भी नहीं

यह सच्चाई आंख खोल देने वाली है कि जेल में सुरक्षा संबंधी स्टाफ आधे से भी कम है। चौधरी चरण सिंह जेल के सुरक्षा मानकों पर गौर फरमाया जाए तो कैदियों की सुरक्षा के लिए जेल में 127 बंदीरक्षकों की जरूरत है। जिनके स्थान पर महज 74 बंदीरक्षकों से ही काम चलाया जा रहा है। इसके अलावा 81 होमगार्ड की जरूरत है। लेकिन मात्र 25 से 30 होमगार्ड ही ड्यूटी पर आते हैं।

रोजाना आते हैं 25 से 30 कैदी

जेल प्रशासन के अनुसार प्रतिदिन जेल में 25 से 30 कैदी नए आते हैं। जिसके चलते मौजूद बंदीरक्षकों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। जेल की क्षमता व संसाधनों में बढ़ोत्तरी न करने पर स्थिति विकट होती जा रही है।

नहीं लगे कैमरे

कुख्यात बदमाशों पर निगरानी रखने के लिए जेल में 12 सीसीटीवी लगाने थे। जिसमें हाई सिक्योरिटी बैरक में भी कैमरे लगाए जाने की योजना थी। जेल अधीक्षक के ऑफिस में इसका कंट्रोल रूम बनाया जाना था। लेकिन योजना बने दो वर्ष बीत गए आज तक कैमरे नहीं लगाए गए।

कुख्यात कैदी हैं बंद

जिला कारागार में आईएसआई एजेंट एजाज के अलावा, हाजी इजलाल, योगेश भदौड़ा, नीरज राठी, सुनील सरीखे कुख्यात कैदी बंद हैं।

स्टाफ संबंधी समस्या से शासन को अवगत कराया गया है। जिसे जल्द पूरी होने की संभावना है। कैमरे भी जल्द ही लगने वाले हैं।

-एसएचएम रिजवी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

बहुत लापरवाही है यहां

18 दिसंबर 2015 : मेरठ जिला कारागार में सलीम पुत्र हफीज निवासी लिसाड़ी गेट अवैध रूप से नशा रखने के आरोप में बंद था। अचानक बेहोश होने पर जेल प्रशासन ने उसे मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां डाक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

12 दिसंबर 2015 : चार नवंबर से जनपद कारागार में बंद 70 वर्षीय बंदी की शनिवार को हार्टअटैक से मौत हो गई। कारागार प्रशासन ने पोस्टमार्टम के उपरांत शव को परिजनों के हवाले कर दिया।

7 अगस्त 2015 : मेरठ जेल की महिला बैरक में बंद महिला गैंगस्टर ने जेल में मोबाइल चलाया है। मामले की भनक उस समय लगी, जब गैंगस्टर ने खुलेआम बैरक के सामने खड़े होकर एक व्यापारी को फोन पर धमकी दे डाली।

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छापामारी में कुछ नहीं मिलता

23 मई 2015 : शनिवार को दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री अय्यूब अंसारी ने चौधरी चरण सिंह जिला कारागार का निरीक्षण किया। उन्होंने बैरक से लेकर अस्पताल और रसोई तक की जांच पड़ताल की, जिसमें सबकुछ ठीक ठाक होने का दावा किया है।

7 जून 2015 : शासन के आदेश पर जिला जेल में छापेमारी की सूचना रविवार सुबह लीक होने की आशंका चर्चाओं में है। माना जा रहा है कि जब तक आला पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की टीम जेल में पहुंची, सब कुछ 'साफ' कर दिया गया। छापेमारी के लिए गई टीम के हाथ बस माचिस और बीड़ी-सिगरेट की डिब्बी लगी।

4 फरवरी 2015 : जिला कारागार के बाहर पुलिस ने बुधवार को चेकिंग अभियान चलाया। मुलाकातियों की तलाशी ली गई तो हमेशा की तरह तमाम कमियां मिली। पुलिस का कहना है कि फिलहाल तलाशी अभियान की वजह यह है कि ज्यादातर आपराधिक गतिविधियां जेल के भीतर रची जा रही हैं।