कैंट एरिया में दो साल बाद फिर 'खौफ'
- हेल्थ इंस्पेक्टर पर बोला हमला, बाल-बाल बचे
- हिम्मत कर बंद कराया बच्चा और महिला वार्ड
- लोहे की जाली लगने से फटा तेंदुए का पैर
-जगह-जगह दिखाई दिए खून के छींटे
- अस्पताल में पेड़ पर चढ़कर बैठा है तेंदुआ
Meerut : कैंट स्थित सैनिक अस्पताल में उस वक्त खलबली मच गई, जब महिला व बच्चा वार्ड में तेंदुआ दिखाई दिया। ऑफिस का गेट खोलते वक्त हेल्थ निरीक्षक पर तेंदुए ने हमला बोल दिया तो उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई और बच्चा व महिला वार्ड को बंद कराया। वन विभाग की टीम ने सर्च अभियान चलाया, लेकिन तेंदुए नहीं मिला। शाम को तेंदुआ अस्पताल में पेड़ पर देखा गया। अब आर्मी व पुलिस प्रशासन टीम दिल्ली से आने वाली एक्सपर्ट टीम का इंतजार हैं।
गैलरी में बैठा था तेंदुआ
हेल्थ निरीक्षक विष्णु तिवारी ने बताया कि सुबह 7.30 मिनट पर उन्होंने अपने ऑफिस का गेट खोलने के लिए ताले में चाबी लगाई थी। इसी बीच दहाड़ के साथ तेंदुए ने उन पर हमला बोल दिया। बामुश्किल भागकर उन्होंने अपनी जान बचाई। इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल के बच्चा व महिला वार्ड को बंद कराया तथा अधिकारियों को तेंदुआ होने सूचना दी।
चला सर्च अभियान
सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद डिप्टी डीएफओ संजीव कुमार सहित 10 लोगों की टीम ने सर्च अभियान चलाया, लेकिन 2 बजे तक उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी। इसके बाद उन्होंने तेंदुए के भाग जाने की पुष्टि की।
पैरों के निशान
हेल्थ इंस्पेक्टर विष्णु तिवारी ने बताया जब तेंदुआ भाग रहा था तो उसके पैर में लोहे की जाली लग गई थी, जिससे उसके पैरों से खून बहने लगा था। उसी के निशान बच्चा वार्ड के पास देखे गए। इसके अलावा कई अस्पताल परिसर में कई स्थानों पर भी तेंदुए के पैरों के निशान देखने को मिले।
दो बजे फिर दिखाई दिया
अस्पताल कर्मचारी आरके कैमी ने बताया कि दो बजे के आस-पास फिर से तेंदुए को अस्पताल परिसर में देखा गया। वह रेसकोर्स से सटी दिवार के किनारे स्थित पेड़ पर चढ़ा देखा गया। जिससे अभी हॉस्पिटल परिसर व आस-पास के इलाके में दहशत का माहौल है।
दिल्ली की टीम का इंतजार
फॉरेस्ट ऑफिसर संजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली से एक्सपर्ट टीम आ रही है। जिनके पास आधुनिक उपकरण है। टीम के आते ही तेंदुए को काबू में किया जाएगा।
खतरनाक है तेंदुआ
हेल्थ इंस्पेक्टर विष्णु तिवारी और डिप्टी डीएफओ संजीव कुमार के अनुसार तेंदुआ पूरी तरह मैच्योर नहीं है। उसकी उम्र करीब चार से पांच साल के बीच है। तेंदुए की लंबाई करीब चार फिट लंबी व ऊंचाई डेढ़ फिट के आस-पास है, लेकिन उसे नजरअंदाज करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। चार साल का तेंदुआ भी किसी की जान ले सकता है।
हॉस्पिटल की दीवारें काफी ऊंची हैं। इसके बावजूद भी तेंदुआ अंदर घुस गया ये वास्तव में हैरत की बात है। हॉस्पिटल की दीवारें और ऊंची कराकर तारबंदी कराई जाएगी।
-अतुल पुठिया, लेफ्टीनेंट कर्नल
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7:30 एएम
आर्मी हॉस्पिटल में देखा गया तेंदुआ।
08:00 एएम
हॉस्पिटल स्टाफ ने बंद कराया महिला और बच्चा वार्ड
09:00 एएम
10 सदस्यों वाली वन विभाग की टीम ने चलाया सर्च अभियान।
11:00 एएम
तेंदुआ भाग जाने की पुष्टि कर वन विभाग की टीम लौटी।
02:00 पीएम
आर्मी अस्पताल के सी ब्लॉक में पेड़ पर नजर आया तेंदुआ।