मेरठ (ब्यूरो)। नौ दिनों तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि का पर्व आज यानी 22 मार्च से शुरू हो रहा है। कहते हैैं कि नौ दिन तक मां पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच निवास करती हैं। जो सच्चे मन से नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूपों की आराधना करता है। उसके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इस बार 110 साल के बाद चैत्र नवारात्रि के दौरान प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होने जा रहा है, जो एक महासंयोग है। ऐसे में जहां पर मंदिरों में विशेष तैयारियां की गई है, वहीं भक्तों ने भी पूजा-अर्चना को लेकर खास तैयारी की है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
22 मार्च को सुबह 6 बजकर 29 मिनट से सुबह 7 बजकर 39 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। घटस्थापना के लिए साधक को एक घंटे 10 मिनट का समय मिलेगा। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने से 9 दिन की पूजा पुण्य फलदाई होती है।

बन रहा है महासंयोग
ज्योतिष डॉ। अनुराधा गोयल के अनुसार इस बार प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन महासंयोग बना रहा है। चैत्र नवरात्रि के दिनों में गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्म और राज लक्षण योग भी रहेंगे। ऐसे शुभ संयोगों के कारण यह नवरात्रि भक्तों के लिए विशेष फलदाई है।

नाव पर सवार होकर
ज्योतिष डॉ। अनुराधा गोयल ने बताया कि इस बार देवी दुर्गा नौका पर सवार होकर अपने भक्तों के घर आएंगी और भक्तों के समस्त कष्टों का अंत करेंगी। बता दें कि देवी का नौका पर आगमन भक्त के जीवन में सुख- समृद्धि लेकर आता है। इनका प्रस्थान डोली पर होगा, जिसे बहुत की शुभ माना जाता है।

मंदिरों में हुई सजावट
बुधवार को कलश स्थापना के साथ ही देवी के पहले स्वरुप मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। देवी भक्त नौ दिन तक उपवास रखकर पूजा करेंगे। शहर में देवी के शक्तिपीठों और मंदिरों में माता की चौकी और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। शहर में शक्तिधाम मंदिर, रामा संकीर्तन मंदिर, बाबा औघडऩाथ मंदिर, मंशा देवी मंदिर, गोल मंदिर, जयदेवीनगर में भव्य मंदिर, सदर स्थित काली मंदिर में भव्य आयोजन किए जाएंगे।

सज गए हैं बाजार
नवरात्र की पूजन सामग्री और व्रत के खाद्य पदार्थों से दुकानें सजकर तैयार हैं। सोमवार को शहर के लालकुर्ती, सदर, बेगमपुल, शारदा रोड, घंटाघर, साकेत और सेंट्रल मार्केट में स्थाई और अस्थाई दुकानों पर पूजन सामग्री, व्रत की सामग्री के अलावा देवी मूर्ति, चुनरी, वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, इत्र, नारियल, हवन सामग्री, धूप-दीप, मिट्टी के दीपक, कलश और जौ के लिए मिट्टी का सकोरा और माता की श्रृंगार सामग्री खरीदने वालों की भीड़ उमड़ती रहीं। चैत्र नवरात्र इस बार 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक हंै।

सितारों से सजी चुनरियां
मां दुर्गा की छोटी-बड़ी मूर्तियों के लिए बाजार में गोटापत्ती वर्क, दबका वर्क, जरदोजी वर्क, रेशम वर्क के अलावा सितारों वाली मल्टी कलर चुनरी छाई हुई है। जिन पर लगी डिजाइनर लैस इन्हें और भी खूबसूरत बना रही हैं। इनकी कीमत 50 रुपए से 500 रुपए तक है। ऐसे ही देवी के वस्त्रों को भी हैंड वर्क से सजाकर तैयार किया गया है। जिन्हें दिल्ली और कोलकाता से मंगवाया गया है। लाल, पीले, काले, हरे और गुलाबी रंग के अलावा पचरंगी वस्त्रों को भी लोग पसंद कर रहे हैं। सेंट्रल मार्केट स्थित प्रेम पूजा केंद्र के मालिक प्रेम कुमार बताते हैं कि नवरात्र में देवी के वस्त्र और चुनरी की मांग पहले दिन तक ही रहती हैं। अब देवी के वस्त्र और चुनरी डिजाइनर ही पसंद किए जाते हैं।

नवरात्र में फास्ट का खाना
नवरात्र में भी खाने का बाजार गर्म है, एक दशक पहले तक व्रत में घर पर बनी खाद्य सामग्री खाने का ही चलन था। व्रत रहने वाले भक्त बाहर का कुछ भी खाने से बचते थे। लेकिन अब सोच बदल रही है, समय के कमी के चलते भी स्वाद का बाजार बढ़ रहा हैं। नवरात्र में जहां चौलाई के लड्डू, आलू के पापड़, मूंगफली की नमकीन, फूल मखाना और साबूदाना नमकीन के अलावा केले के चिप्स, आलू लच्छा नमकीन, मूंगफली बादाम और काजू की खट्टी मीठी नमकीन की कई वैरायटी इस बार बाजार में उपलब्ध हैं। बाजार बजाजा स्थित नवरंग नमकीन के मालिक राजन अग्रवाल का व्रत की नमकीन का बाजार हर साल बढ़ रहा है। वह पिछले कई सालों च्े आलू लच्छा नमकीन और आलू, बादाम मूंगफली की नमकीन बनाते आ रहे हैं, इस व्रत के लिए उन्होंने केले के चिप्स और खट्टी मीठी पचरंगा नमकीन भी तैयार की है। जिसका स्वाद के लोगों को पसंद आ रहा है। व्रत नमकीन की कीमत 250 से 280 रुपए किलो हैं।