-जिले के कई सरकारी विभागों पर पीवीवीएनएल का लाखों बकाया
-छोटे बकायदारों पर कार्रवाई, बड़ों से तौबा करता है विभाग
आई एक्सक्लूसिव
Meerut। एक ओर जहां ऊर्जा निगम बिजली के छोटे बकायदारों पर धड़ल्ले से कार्रवाई कर रहा है, वहीं बड़े और सरकारी बकाएदारों के सामने उसका कोई बस नहीं चल रहा है। इसी का नतीजा है कि जिले के आधा दर्जन से अधिक सरकारी विभागों पर पीवीवीएनएल का करोड़ों रुपया बकाया है।
क्या है मामला
शहरवासियों के साथ-साथ जनपद के सरकारी विभाग भी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के बड़े कंज्यूमर हैं। इन विभागों पर पीवीवीएनएल का लाखों रुपए बिजली का बिल बकाया है। मजे की बात तो यह है कि एक ओर जहां राजस्व वसूली अभियान के अंतर्गत विभागीय कर्मचारी बिल न चुकता करने पर दो से पांच हजार वाले कंज्यूमर का कनेक्शन काटने से नहीं चूकते, वहीं लाखों के बकाया वाले इन सरकारी विभागों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
क्यों नहीं होती कार्रवाई
दरअसल, पीवीवीएनएल की रडार में हमेशा छोटे बकायदार रहते हैं। यहीं नहीं इन पर कार्रवाई के लिए विभाग समय-समय पर डिस्कनेक्शन आदि अभियान चलाता है। वहीं सरकारी बकायदारों पर कार्रवाई करने से विभाग हमेशा हाथ खींचता है। जिसकी वजह से इन विभागों पर बिजली का बिल लगातार बढ़ता रहता है और यह आंकड़ों हजारों से लाखों और लाखों से करोड़ों में पहुंच जाता है।
सरकारी बड़े बकायदार
विभाग बकाया (लाख में)
पुलिस 365.23
जेल 1.41
चिकित्सा 53.33
प्रशासन 102
लोक निर्माण 11
आवास-विकास 1.54
कृषि 5.49
सिंचाई 7.35
वन विभाग 9.23
सरकारी विभागों पर बिजली का बड़ा बकाया है। कुछ विभागों के बिलों का भुगतान प्रत्येक क्लोसिंग ईयर मार्च में लखनऊ से होता है। जबकि कुछ का लोकल स्तर से। बड़े बकायदारों पर भी कार्रवाई का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाएगा।
आरके राणा, एसई अर्बन मेरठ