- बसपा आलाकमान ने पार्टी में जारी किया अलर्ट

- जिलाध्यक्ष को हटाया, कई और पर भी टेढ़ी नजर

- पिछड़ों को साधने में जुटा अमला, मायावती रख रही पल-पल पर नजर

Meerut: बसपा से बागी स्वामी प्रसाद मौर्या के नित नए बयानों से सूबे की राजनीति के साथ ही वेस्ट यूपी के सियासी गलियारों में गर्माहट है। बसपा सुप्रीमो मायावती की सीधी नजर उठापटक पर बनी हुई है तो उन्होंने वेस्ट में जिम्मेदारी में रद्दोबदल की शुरुआत कर दी है। मेरठ के जिलाध्यक्ष अश्वनी जाटव के स्थान पर सुनील जाटव को जिम्मेदारी दी गई है।

तेज हुआ घमासान

शुक्रवार को लखनऊ में सपा-भाजपा पर बरसे बसपा के बागी पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने साफ कर दिया कि वे अब अपनी पार्टी बनाएंगे। सपा-भाजपा में जाने की अटकलों पर विराम के बाद बसपा खेमे में घमासान तेज हो गया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती की हर गतिविधि पर नजर है तो वहीं उन्होंने लोकल लीडर को किसी तरह का विघटन न होने का टॉस्क दिया है। सूत्रों के मुताबिक खासकर पिछड़ी जाति के बसपा नेताओं की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि बसपा मुखिया जिला कमेटियों की मॉनीटरिंग भी कर रही हैं। रद्दोबदल की शुरुआत मेरठ से हो चुकी है। जिलाध्यक्ष अश्वनी जाटव की जगह सुनील जाटव की ताजपोशी बानगी भर है।

स्वार्थ के चलते छोड़ी बसपा

बसपा के राज्यसभा सांसद मुनकाद अली ने शुक्रवार को आई नेक्स्ट को बताया कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने स्वार्थवश पार्टी छोड़ी है। बसपा को जिम्मेदार कार्यकर्ता की निगरानी करने की आवश्यकता नहीं है। हर जाति का जनाधार बसपा के साथ है, मौर्या के पार्टी छोड़ने या नई बनाने से बसपा पर फर्क नहीं पड़ेगा। जिलाध्यक्ष को हटाए जाने पर उन्होंने कहा कि यह संगठन की प्रक्रिया है।