-गंगानगर एक्स्टेंशन योजना में शुक्रवार को लगी थी कब्जे की तारीख

-किसानों का मूड भांप ड्रॉप किया कब्जे का कार्यक्रम, अब होगी वार्ता

Meerut: गंगानगर विस्तार योजना में भौतिक कब्जा लेने का योजना बना रहे एमडीए ने फिलहाल अपना इरादा बदल दिया है। यह फैसला एमडीए ने किसानों का उग्र रवैया देख कर लिया है। किसानों से टकराव का रुख भांपते हुए एमडीए ने कब्जे से पूर्व किसानों से वार्ता करने की बात कही है।

शुक्रवार को लगी थी कब्जे की डेट

मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर योजना की जमीन पर कब्जे के लिए शुक्रवार का दिन मुकर्रर किया गया था। इसके लिए एमडीए ने योजना की जमीन पर भौतिक कब्जा लेने के लिए समस्त औपचारिकताएं भी पूर्ण कर ली थी, लेकिन एन मौके पर एमडीए वीसी राजेश यादव ने आइडिया ड्रॉप कर दिया। हालांकि एमडीए इस फैसले को कुछ विशेष कारणों से टालना बता रहा है, लेकिन भीतरी खबर यह है कि किसानों के साथ टकराव से बचने के लिए प्राधिकरण अपना फैसला बदलने का मजबूर हुआ है।

मुआवजा विवाद में फंसी ख्0ब् एकड़ भूमि

दरअसल, क्987 में गंगानगर योजना के बाद गंगानगर एक्स्टेंशन योजना के लिए क्990 में अब्दुल्लापुर के किसानों ख्ब्म् एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। भूमि अधिग्रहण के बाद किसान एमडीए से अतिरिक्त मुआवजे की मांग कर रहे थे, जिसके चलते किसानों ने एमडीए को योजना की भूमि पर कब्जा नहीं ले दिया। हालांकि दो साल पूर्व एमडीए ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश का हवाला देकर ब्ब् एकड़ भूमि पर जबरन कब्जा ले लिया था, जिसके बाद से किसानों ने उग्र रवैया अख्तियार कर लिया था।

एमडीए पहले भी खा चुका है मुंह की

पिछले पच्चीस सालों से डेड पड़ी योजना में जमीन पर कब्जा लेने के चक्कर में एमडीए एक बार मुंह की खा चुका है। इस लिए विभाग इस बार बहुत सोच समझकर कदम उठाना चाहता है। ख्0क्ख् में एमडीए के तत्कालीन वीसी एसके सिंह के कार्यकाल के दौरान एमडीए ने योजना की जमीन पर जबरन कब्जे का प्रयास किया था। इस दौरान गुस्साए किसानों ने एमडीए अफसरों का घेराव कर खूब विवाद किया था। हालांकि एमडीए ने उस प्रयास का सफल बताते हुए कब्जे का एलान किया था। वो बात अलग है कि जमीन को आज तक किसान ही जोतते आ रहे हैं।

किन्हीं कारणों से योजना में कब्जा लेने का प्रोग्राम ड्रॉप कर दिया गया है। अब पहले योजना के किसानों के साथ वार्ता की जाएगी। उसके बाद कब्जा लेने आदि की डेट तय की जाएगी।

सौम्य श्रीवास्तव, सचिव एमडीए