-डिफाल्टर बिल्डर्स का नहीं किया जाएगा नक्शा पास

-विकास के मुद्दे पर एमडीए वीसी ने जारी किया फरमान

आई एक्सक्लूसिव

Meerut: स्वीकृत कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं के नाम पर खेल करने वाले बिल्डर्स पर एमडीए ने शिकंजा कसने का फैसला किया है। एमडीए ने ऐसे बिल्डर्स के सूची तैयार कर उनको ब्लैक लिस्टेड करने की तैयारी की है। यहीं नहीं वीसी ने ऐसे डिफॉल्टर्स बिल्डरों के नए प्रोजेक्ट के नक्शे भी न स्वीकृत करने के निर्देश दिए हैं।

क्या है मामला

दरअसल, शहर के कई नामचीन बिल्डर प्राइवेट कॉलोनी का एमडीए से नक्शा पास कराने के बाद तमाम प्रलोभन देकर खरीदारों को लुभाते हैं। यही नहीं ये बिल्डर अपने प्रोजेक्ट के प्रचार-प्रसार में लोगों को मूलभूत सुविधाओं के साथ तमाम आधुनिक सुविधाओं का भी सपना दिखाते हैं। एमडीए से मिली स्वीकृति और आधुनिक सेवाओं के प्रलोभन में आकर लोग इन कॉलोनियों में अपने आशियाने खरीद लेते हैं। लेकिन उनके पैरों तले से जमीन तब खिसकती है, कॉलोनी को बेचने के बाद विकास कार्य अधूरे छोड़ कर बिल्डर भाग खड़ा होता है। ऐसे में गाढ़ी कमाई खर्च कर खरीदार अपने आप को ठगा महसूस करता है।

मिली थी शिकायतें

मेरठ विकास प्राधिकरण स्वीकृत कॉलोनियों में कॉलोनाइजर्स द्वारा मूलभूत विकास न कराने के कई शिकायतें प्राधिकरण प्रशासन को प्राप्त होती रही हैं। यहां तक की कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने यह मामला विधानसभा में भी उठाया था। कॉलोनाइजर्स की शिकायतों पर एमडीए ने अब कार्रवाई करने का खाका तैयार किया है।

नक्शा नहीं होगा पास

एमडीए एसई शबीह हैदर की मानें तो प्राधिकरण स्वीकृत कॉलोनियों का सर्वे किया जाएगा। जिन कॉलोनियों में एग्रीमेंट के मुताबिक मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखने को मिलेगा ऐसे बिल्डर्स को डिफॉल्टर की श्रेणी में रखा जाएगा। जिसके बाद न केवल उनके नए प्रोजेक्ट को स्वीकृति निरस्त कर दी जाएगी, बल्कि उनका कोई नक्शा भी स्वीकृत नहीं किया जाएगा। एमडीए सूत्रों की मानें तो ऐसे मामलों में शहर के कुछ नामचीन बिल्डर भी फंसेगे।

विकास कार्य अधूरा छोड़ने वाले बिल्डर्स को चेतावनी दी गई है। यदि वो अनुबंध के मुताबिक विकास कार्य पूर्ण नहीं कराते है तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा। वहीं, आगामी प्रोजेक्ट को स्वीकृति नहीं दी जाएगी।

शबीह हैदर, एसई एमडीए