-कमिश्नर ने दिए थे नालों की सिल्ट को सड़क पर न डालने के आदेश

-शहर की सड़कों पर ही डाली जा रही सिल्ट

Meerut: शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कमिश्नर के आदेश को भी निगम धता बता रहा है। शहर की सफाई व्यवस्था पर विभागों की संयुक्त बैठक कर कमिश्नर आलोक सिन्हा ने नगर आयुक्त को आड़े हाथों लिया था। बैठक में कमिश्नर ने नगर निगम को सड़क पर नालों की सिल्ट न डालने के आदेश दिए थे, लेकिन निगम अभी भी नालों की सिल्ट सड़कों पर ही डाल रहा है।

गंदगी फैला रहा नगर निगम

दरअसल, शहर के नालों की सफाई के दौरान निकलने वाली सिल्ट को सड़क पर डाल देता है। सड़कों पर खुली पड़ी यह गंदगी जहां तमाम बीमारियों को बढ़ावा दे रही है, वहीं इससे ट्रैफिक की भयंकर समस्या खड़ी हो जाती है। जबकि नगर निगम अधिनियम के मुताबिक नालों से निकलने वाले कूड़े को शहर से बाहर किसी स्थान पर डाले जाने का प्रावधान है। उधर, यह सिल्ट सूख कर दोबारा नाले में गिर जाती है, जिससे समस्या जस की तस बनी रहती है।

संसाधनों को रोया रोना

सिल्ट उठाने के बात पर नगर निगम सीमित संसाधनों का रोना रो रहा है। अफसरों का कहना है कि निगम के पास पर्याप्त मात्रा में कूड़ा वाहन नहीं हैं। जो हैं उनमें से अधिकांश खराब पड़े हैं। जबकि एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान निगम ने हाईकोर्ट को रोजाना कूड़ा व सिल्ट उठाने की रिपोर्ट पेश की है। निगम ने रिपोर्ट में बताया कि 154 वाहन रोजाना शहर और नालों की गंदगी को उठाकर डंपिंग ग्राउंड में डाल रहे हैं।

नालों की सिल्ट उठाने के लिए निगम के पास पर्याप्त साधन नहीं हैं। फिर भी कुछ वाहनों को लेकर सिल्ट उठवाई जा रही है। सिल्ट सूखने के बाद उठाई जाती है।

उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त