क्रॉप डेवलपमेंट में नाम कमाना है

कभी नहीं सोचा था कि यूनिवर्सिटी का सर्वोच्च सम्मान पूर्व राष्ट्रपति डॉ। दयाल शर्मा स्वर्ण पदक मुझे मिलेगा। मैं दौराला का रहना वाला हूं। मैं मौजूदा समय में डीबीटी में सीसीएस में रिसर्च कर रहा हूं। साथ ही डीयू के साउथ कैंपस में स्पेशल एनालिसिस भी करने जा रहा हूं। मैं भविष्य में क्रॉप और सीड्स में रिसर्च कर देश और यहां के किसानों की मदद करना चाहता हूं। अपने जूनियर्स को सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि मेहनत का कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है। इसके बिना कोई मेडल पाना या टॉपर आना तो दूर आप पास भी नहीं हो सकते हैं।

- अमरदीप शर्मा, एमफिल(एग्रीकल्चर) पूर्व राष्ट्रपति डॉ। दयाल शर्मा गोल्ड मेडलिस्ट

किसान का बेटा हूं

सहारनपुर के गांव भाकला का रहना वाला हूं। मेरे पिता किसान हैं। इसलिए सोचा एग्रीकल्चर में ही क्यों न पढ़ाई की जाए। शुरुआत से ही एवरेज स्टूडेंट रहा था तो कभी नहीं सोचा था कि कभी गोल्ड मेडल मिलेगा। अब सोच रहा हूं कि आईएस की तैयारी करूं और देश के किसानों के लिए कुछ करूं। मैं अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता जिन्होंने मुझपर विश्वास जताया और अपनी कड़ी मेहनत को देना चाहता हूं। मेरा मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है।

- मुकुल कुमार, बीएससी(एग्रीकल्चर), सीसीएस समृति प्रतिभा पुरुस्कार, फस्र्ट पोजिशन

क्योंकि पापा पढ़ाना चाहते थे

आज मैं अपने आप पर काफी गर्व महसूस कर रहा हूं कि मैंने सीसीएस समृति प्रतिभा पुरुस्कार के तहत सेकंड पोजिशन हासिल की। मेरे फादर कुछ परिस्थितियों के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर सके थे। वो मुझे और मेरे सारे भाईयों को पढ़ाना चाहते थे। आज वो भी काफी खुश हैं। मैंने एमएससी के लिए कानपुर में एडमिशन ले लिया है। वहीं आईएएस की भी तैयारी कर रहा हूं। मैं अपने जूनियर्स को कहना चाहता हूं कि आपसे आपके माता-पिता की काफी एक्सपेक्टेशंस होती है। वो जब टूटती हैं तो काफी दुख होता है। अपने माता पिता के सपने को कभी न टूटने न दें।

- मो। अहसान, बीएससी(एग्रीकल्चर), सीसीएस समृति प्रतिभा पुरुस्कार, सेकंड पोजिशन

बच्चों की पढ़ाई पर

काम करना चाहती हूं

काफी अच्छा महसूस कर रही हूं कि मुझे श्री अतुल माहेश्वरी स्वर्ण पदक मिला। मैंने इसके लिए काफी मेहनत की थी। भले ही जिनके नाम से मुझे स्वर्ण पदक मिला वो प्रिंट मिडिया से जुड़े थे, लेकिन मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करना चाहता हूं। क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का असर ज्यादा और जल्दी होता है। मैं गरीब बच्चों और खासकर लड़कियों की पढ़ाई पर भी काम करना चाहती हूं। साथ ही इस फील्ड में काम करने के लिए मैं हर उस चुनौती के लिए तैयार हूं जो आज महिला जर्नलिस्ट के सामने हैं।

- वर्षा दीक्षित, मास्टर इन जर्नलिज्म, श्री अतुल माहेश्वरी गोल्ड मेडलिस्ट

बैंकिंग इंडस्ट्री में नाम कमाना है

मुझे इस बात की काफी खुशी है कि मुझे एक ऐसे सम्मान से नवाजा गया जो इस साल पहली बार जोड़ा गया है। मैंने अपनी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। मेरे फादर की ट्रांसफेरेबल जॉब है। इस शहर से उस शहर जाना पड़ता है। फिर भी मैंने अपनी पढ़ाई को कभी प्रभावित नहीं होने दिया। मेरा मानना है कि मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है। इसके बिना कुछ भी पाना संभव नहीं है। मैं आगे चलकर बैंकिंग में एक बड़ा मुकाम हासिल करना चाहती हूं।

- रूबी हुमा, बीकॉम, दि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड एकाउंटेंड्स ऑफ इंडिया गोल्ड मेडल

काफी गर्व महसूस कर रहा हूं

स्व। दारा सिंह स्मृति गोल्ड मेडल पाना मेरे काफी गर्व की बात है। इस बार यूनिवर्सिटी में ये पदक पहली बार शामिल किया गया है। मुझे बैडमिन्टन खेलने का शौक था। लेकिन कभी भी प्रोफेशनल नहीं खेला। अब जब मैं फिजिकल एजुकेशन में पढ़ाई शुरू की तो मुझे लगा कि स्पोट्र्स के लिए कुछ करना चाहिए। मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देना चाहता हूं।

- सुधीर मलिक, एमपीएड,  स्व। दारा सिंह स्मृति गोल्ड मेडेलिस्ट

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