दूध नहीं पीने से मां परेशान

 सुनीता अपने पांच साल के बेटे पलाश की दूध नहीं पीने की आदत से परेशान हैं। परेशानी इस कदर के पेरेंट्स टीचर मिटिंग में भी वो अपने बेटे की शकायत कर चुकी हैं। टीचर ने उसे समझाया तो पलाश ने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया, टीचर मुझे दूध पीना अच्छा नहीं लगता। मैं जब दूध पीता हूं तो मेरी तबियत खराब हो जाती है।

ये है कारण

असल में मिल्क एलर्जी दूध में मौजूद प्रोटीन का इम्यून सिस्टम में होने वाला रिएक्शन है। गाय के दूध में कई तरह के प्रोटीन पाए जाते हैं। कुछ प्रोटीन इंसानी जिस्म में जाकर उसके इम्यून सिस्टम के साथ रिएक्शन करता है। कई बार ये रिएक्शन इंटरनल भी होता है, जिससे डाईजेशन में प्रॉब्लम होने लगती है। ऊपरी तौर से होने वाला रिएक्शन स्किन पर साफ नजर आता है। इसकी खास पहचान है कि दूध के शरीर में जाने के कुछ देर बाद ही ये अपना असर दिखाना शुरू कर देता है।

ये हैं बीमारियां

-अस्थमा प्रोटीन एलर्जी वाले लोगों के अंदर मिल्क एलर्जी से उनका डाईजेशन सिस्टम प्रभावित होता है और डेयरी प्रोडक्ट शरीर में म्यूकस बनाते हैं जो इंटेस्टीन की भीतरी दीवार और रेस्परेट्री ट्रेक में जमा हो जाता है। जिसके रिएक्शन से अस्थमा होने की संभावनाएं बन जाती हैं।

 -एक्जीमा जैसी स्किन प्रॉब्लम मिल्क एलर्जी का एक ओवरसेंस्टीव रिएक्शन है। एग्जीमा और जैसे स्मिटम दिखाई देने पर डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

-गेस्ट्रो इंटेस्टीनल प्रॉब्लम्स में उल्टी और डायरिया की समस्या होने लगती है।

ऐसे पहचाने मिल्क एलर्जी  

स्किन रिएक्शन- दूध के अंदर जाने के बाद स्किन एलर्जी सामने आने लगती है, इसमें स्किन का रेड हो जाना, खुजली होना, एक्जीमा, आंखों के नीचे डार्क सर्कल। डाईजेशन सिस्टम- नर्वसनेस, उल्टी आना, डायरिया की प्रॉब्लम सबसे ज्यादा होती है। जो कुछ घंटों बाद ठीक हो जाती है।

रेस्परेट्री सिम्टम्स- मिल्क एलर्जी की वजह से नाक का बहना, छींक आना, आंखों से पानी निकलना, आंखों में खुजली, सांस लेने में तकलीफ आदि समस्याएं हो जाती हैं।

 

"मिल्क एलर्जी के केस बढ़ रहे हैं। इसका इलाज है। बच्चों में उम्र के साथ ये एलर्जी खत्म हो जाती है। मार्केट में दूध का सब्टीट्यूट है."

-डॉ। विकास सेठ, पीडियाट्रिक्स