- 12 साल की उम्र में देश सेवा को आगे आए थे भगत सिंह

- शहीदों के सपनों को देश के लोगों को साकार करना चाहिए

- भाजपा ही राष्ट्रवादी पार्टी, शहीदों को पूरा सम्मान दिलाएगी

Meerut : भगत सिंह नाम त्याग और बलिदान का नाम है। भगत सिंह ने असेंबली में बम किसी को मारने या हिंसा के उददेश्य से नहीं फेंका था बल्कि उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत को जगाने के लिए यह काम किया था। जो भारत पर वर्षो से राज कर रही थी। उन्होंने देश के लिए त्याग और बलिदान किया है। हमें उनके त्याग का सम्मान रखने के लिए वह प्रयास करना चाहिए जो उन्होंने भारत के लिए सोचा था। यह बात थल सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने खिर्वा रोड स्थित लायन फार्म हाउस में अपने वक्तव्य में कहीं।

भाजपा राष्ट्रवादी पार्टी

दरअसल यह कार्यक्रम भगत सिंह की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित था। शहीद भगत सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में जरनल वीके सिंह ने कहा कि मुख्य कार्यक्रम के अलावा हम शहीदों को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास तभी सफल होगा जब उन्हें प्रतिदिन याद किया जाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रवादी पार्टी है। वह राष्ट्र के बारे में सोचती है यह पार्टी शहीदों को उनका हक दिलाएगी।

भगत सिंह के भतीजे भी पहुंचे

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता किरणजीत सिंह (शहीद भगत सिंह के भतीजे) ने कहा कि उनके पूर्वजों की तीन पीढि़यां देश के आजादी के लिए दी हैं। उनके परदादा अर्जुन सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया था। 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों ने ऐसा दमन चक्र चलाया कि भारतीयों की रूह कांप जाती थी। ग्रामीणों को पेड़ पर सरेआम फांसी दी जाती थी।

23 साल की उम्र में हुई थी फांसी

बाद में उन्होंने भगत सिंह के बलिदान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिस समय जलिया वाला बाग कांड हुआ था। उस समय भगत सिंह मात्र 12 वर्ष के थे। उन्होंने शहीदों की खून से रक्तरंजित मिट्टी को तभी उठा लिया था और तभी संकल्प किया कि शहीदों का कर्ज वह चुकाएंगे। उन्होंने जनजागृति के लिये कार्य किया। मात्र 23 वर्ष की आयु में उन्हें फांसी हो गई थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विजयपाल तोमर ने की।

सपनों को साकार करने का प्रयास

नेहा खन्ना ने कहा कि शहीदों ने आजाद भारत के लिये जो सपने देखे थे उनके सपने को साकार करने के लिये हम सब को मिलकर प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, नीरज मित्तल, ठाकुर ओपी सिंह, अनिल कुमार प्रजापति, कुलवीर पावली, सुधीर चौहान, सतीश दक्ष, अमरीश गौतम, नन्द्र कश्यप, सेवेन्द्रपाल, गौरव पुंडीर, आकाश पंवार, अभिषेक सोम, राजू डाबका, विशाल, संदीप, सागर, देवेन्द्र गौतम, सतेन्द्र बजरंगी, राजकुमार आदि मौजूद थे।