- चौकाने वाले हैं मेरठ क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय के आंकड़े

- मेरठ मंडल में 22 हजार से अधिक परीक्षार्थी हैं हिंदी में फेल

Meerut : यूपी बोर्ड की परीक्षा अभी चल ही रही है, लेकिन एक लाख परीक्षार्थी से अधिक फेल हैं। चौंकिए नहीं, क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार सभी जनपदों में एक लाख से अधिक परीक्षार्थी फेल हो चुके हैं। वहीं मंडल में 22 हजार से अधिक परीक्षार्थी फेल हैं। आइए आपको भी बताते हैं ये सब हुआ कैसे

एब्सेंट मतलब फेल

अब आपको बताते हैं कि कैसे 17 जनपदों में हिंदी में एक लाख से अधिक का आंकड़ा बैठ रहा है। क्षेत्रीय बोर्ड कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार इस बार हिंदी की परीक्षा में हाईस्कूल व इंटर में एक लाख 75 हजार 125 परीक्षार्थी फेल हिंदी में एब्सेंट है। इनमें हाईस्कूल के एक लाख 3 हजार 7 सौ 11 हैं और इंटर के 71 हजार 4 सौ 14 परीक्षार्थी एब्सेंट है। वहीं मेरठ मंडल के छह जिलों में टोटल 22 हजार 265 परीक्षार्थी ने हिंदी की परीक्षा छोड़ी है।

17 जनपदों में अनुपस्थिति

जनपद हाईस्कूल इंटर

आगरा 12,362 9101

फिरोजाबाद 9689 7173

मैनपुरी 12,022 9778

मथुरा 9680 8957

एटा 9263 5597

अलीगढ़ 20, 383 12, 898 हाथरस 5605 4348

कासंगज 5442 3039

बुलंदशहर 3103 1805

गाजियाबाद 2022 1090

गौतमबुद्धनगर 1308 1068

मेरठ 5931 3695

बागपत 989 565

हापुड़ 689 60

मुज्जफरनगर 1890 976

सहारनपुर 3033 1145

शामली 300 119

टोटल 10,3711 71,414

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रिजल्ट से पहले फेल

यूपी बोर्ड ने दो साल पहले एक नियम बनाया था, जिसके अनुसार अगर कोई परीक्षार्थी किसी अन्य सब्जेक्ट में फेल है और बाकी सभी विषयों सहित टोटल में पास है तो वह पास होता है, लेकिन अगर वह हिंदी में फेल है और बाकी सब्जेक्ट सहित टोटल में पास है तो उसे फेल माना जाएगा।

मिलेगा पास होने का मौका

हिंदी में फेल होने वाली परीक्षार्थियों को पास होने के लिए बस अब एक ही तरीका बचा है। पास होने के लिए उन्हें संबंधित पेपर की कंपार्टमेंट भरनी होगी। अगर वह उस कंपार्टमेंट में पास होंगे तो ही उन्हें पास किया जाएगा।

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अगर कोई स्टूडेंट हिंदी में फेल है तो वह तब तक फेल ही माना जाएगा। जब तक कि वह हिंदी का पेपर दुबारा देकर उसे पास नहीं कर लेता। यह बोर्ड का नियम है।

-संजय यादव, क्षेत्रीय बोर्ड सचिव