22 फरवरी से अब तक 19 केंद्र बदले जा चुके हैं

बीते साल की अपेक्षा इस साल ज्यादा बदले गए हैं परीक्षा केंद्र

सीसीटीवी न होने के कारण बदले गए सबसे ज्यादा केंद्र

Meerut। सीसीएस यूनिवर्सिटी में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। हालत यह है कि एग्जाम के दौरान ही परीक्षा केंद्र बदले जा रहे हैं। मुख्य परीक्षाओं में इस बार केंद्रों का लगातार बदलना केंद्रों के निर्धारण पर सवाल खड़ा कर रहा है। बीते साल की अपेक्षा इस बार एग्जाम सेंटर ज्यादा बदले जा रहे हैं। इतनी खामियों से जाहिर है कि सेंटर के निर्धारण में कुछ कमियां रहीं होंगी।

परीक्षा केंद्र के मानक

केंद्रों पर बिजली पानी की व्यवस्था होगी।

अग्निश्यमक यंत्र वा बाल्टी व रेत की व्यवस्था होगी।

केंद्रों पर दूर-दूर तक फोटो स्टेट की मशीन नहीं होगी

केंद्र में किसी बाहरी की एंट्री नहीं होगी।

बैठने की व्यवस्था ठीक होगी, फर्नीचर पूरा होगा

केंद्रों पर सुरक्षा के पूरे इंतजाम होंगे

परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था होगी।

ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिग व लिंक यूनिवर्सिटी के कंट्रोल रुम से जुड़ा होगा।

पेपर व कॉपियों को लाने ले जाने व संभालने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।

ये रही स्थिति

19 केंद्र पहले ही डिबार थे, जिनको हटाना पड़ा इस बार

219 केंद्र बने, इनमें से एक केंद्र और डिबार होने की वजह पहले दिन से हटाना पड़ा

19 केंद्र ऐसे हैं जो अब तक बदले जा चुके है।

20 केंद्र ही बदले गए थे बीते साल एग्जाम में

5 साल में नहीं बदले गए इतनी जल्दी केंद्र

22 केंद्र बदले गए थे पांच साल पहले

इसलिए बदले गए केंद्र

सबसे अधिक केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे व ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिग लिंक नहीं।

दो सहारनपुर के केंद्रों को नकल के कारण बदला गया

एक केंद्र को बिजली-पानी की व्यवस्था खराब होने के कारण बदला गया

दो केंद्रों पर प्रिंसिपल की जगह किसी फोर्थ क्लास कर्मचारी की ड्यूटी के चलते हटाना पड़ा।

लगातार आ रहीं शिकायतें

इतने केंद्र बदलने के बाद भी केंद्रों की शिकायतें लगातार आ रही है। जाहिर है कि या तो पहले केंद्रों का निर्धारण सही तरीके से नहीं किया गया है। अगर सही किया गया है तो इतने केंद्र ऐसे कैसे गलत मिल सकते हैं ये भी बड़ा सवाल है। सूत्रों के मुताबिक अधिकतर एडेड कॉलेज ऐसे हैं जिनका लिंक कंट्रोल रुम में नहीं मिला है। ऐसे में अभी 40 करीब केंद्र ओर भी बदले जा सकते हैं।

ऐसा नहीं है कि केंद्रों का निर्धारण देखकर नहीं किया गया है। कई बार कुछ व्यवस्थाएं बिगड़ी मिलती हैं। ऐसे में पारदर्शिता के लिए तुरंत केंद्र बदलना पड़ता है। नियमों के तहत ही केंद्र बदले गए हैं।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी, सीसीएसयू