निगम ने ब्लैक लिस्टेड फर्म को दो माह पहले टेंडर किया रिवाइज

13 लाख के टेंडर के बाद भी नाले में गंदगी का अंबार

हनुमानपुरी के नाले की सफाई में हुआ खेल, लोगों ने जताई नाराजगी

Meerut। नगर निगम के भी खेल निराले हैं, शहर की सफाई के नाम पर निगम के पास बजट होने के बाद भी शहर में सफाई नहीं दिखाई देती है। कुछ ऐसा ही हाल है, हनुमानपुरी से मोहनपुरी तक जाने वाले प्रमुख नाले का। इस नाले की सफाई के लिए गत वर्ष 13.22 लाख रुपए का टेंडर कराया गया था। लेकिन गडबडी के चलते फर्म ही ब्लैक लिस्ट कर दी गई। अब दोबारा दो माह पहले निगम ने टेंडर रिवाइज किया, लेकिन टेंडर के बाद भी नाले की हालत जस की तस बनी हुई है। नाले में सिल्ट व गंदगी का ढेर लगा हुआ है और गंदे पानी की बदबू के कारण स्थानीय लोगों की जीना दूभर हुआ पड़ा है।

पुराना टेंडर हुआ रिवाइज

दरअसल गत वर्ष नगरायुक्त अरविंद चौरसिया के समय में सुभाषनगर-हाशिमपुरा, मोहनपुरी तक नाले की सफाई का टेंडर 11 जून 2020 को लगभग 13.22 लाख रुपये के साथ फाइनल किया गया था। इस नाले की सफाई होने से सुभाषनगर, हाशिमपुरा, लक्ष्मीनगर, हनुमानपुरी, मोहनपुरी और आर्य नगर में जलभराव की समस्या से दूर होने की उम्मीद थी। लेकिन कुछ दिनों बाद ही टेंडर लेने वाले फर्म को कार्य में लापरवाही पर नगरायुक्त ने ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इसके बाद कोरोना के चलते काम अधर में अटका रहा और फिर दिसंबर माह में दोबारा पुराने टेंडर को ही रिवाइज कर दिया गया।

नाले में डाली जा रही नाले की सिल्ट

दरअसल टेंडर के अनुसार नाले की तल्लीझाड़ सफाई की जानी थी, इसके तहत नाले में 6 फीट तक गहराई में सफाई होनी थी। लेकिन ठेका लेने वाली फर्म ने नाले की ऊपरी गंदगी हटाने की खानापूर्ति कर नाले को साफ कर दिया। वहीं कुछ जगह सिल्ट निकाली भी गई तो सिल्ट निकालकर वापस नाले में बहा दिया गया। स्थानीय लोगों की मानें तो नाले की सफाई के बाद दोबारा गंदगी नाले में ही बहाई जा रही है। सफाई केवल ऊपरी हो रही है।

नाले का टेंडर गत वर्ष हुआ था। इसके बाद फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। अब दिसंबर माह में उसी फर्म से ही काम कराया जा रहा है। 13 लाख में नाले की पूरी सफाई संभव नही है, लेकिन जितनी हो उतनी तो सही से करनी चाहिए।

पवन चौधरी, पार्षद

सरकार आती है और जाती है, लेकिन निगम की कार्यशैली में कोई बदलाव नही हुआ है। टेंडर तल्लीझाड़ सफाई का हुआ था, लेकिन ठेकेदार और निगम की सांठगांठ से खानापूर्ति हो रही है। केवल झाडियां नाले से साफ की जा रही हैं।

सुमित शर्मा

सफाई के नाम पर केवल ऊपरी सफाई और कूड़ा आगे बहाकर खानापूर्ति की जा रही है। सिल्ट भी थोडी बहुत ही निकाली गई है।

देवेंद्र शर्मा

बरसात के दिनों में नाले की सफाई ना होने पर नाले का गंदा पानी घरों तक में भर जाता है। अभी जो सफाई की खानापूर्ति हो रही है उससे भी जलभराव की समस्या बनी रहेगी। केवल झाडि़यां हटाकर नाले को साफ करने की खानापूर्ति की जा रही है।

ऋषभ

टेंडर की अवधि पूरी होने में अभी समय है। समय अवधि पूरी होन से पहले काम सही तरह से कराया जाएगा, अन्यथा भुगतान पर रोक लगा दी जाएगी।

डॉ। गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी