-आम बजट से आस लगाए बैठा रियल एस्टेट मार्केट का कारोबारी

-बाह्य विकास शुल्क और अफोर्डेबल हाउसिंग को चाहिए टैक्स में छूट

Meerut: रियल एस्टेट मार्केट लंबे समय से सुस्ती का शिकार है। कॉलोनाइजर्स को खरीदार की तलाश है। बड़े-बड़े प्रोजेक्ट डंप पड़े हैं। कई सालों से सरकार की ओर से भी कोई प्रोत्साहन भरा कदम नहीं उठाया गया। लोगों की क्रय शक्ति कम हुई है। परिणाम यह हुआ कि पूरा मार्केट मंदी की चादर में समा गया। देश का आम बजट आने वाला है। ऐसे में कारोबारियों की नजरे केंद्र सरकार पर टिकी हैं।

क्या कहते हैं कॉलोनाइजर्स --

-अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए टैक्स हॉलीडे मिलना चहिए।

-रियल एस्टेट कारोबारियों को मिले जॉब प्रोवाइडर्स की पहचान

-देश की तरक्की का रास्ता इंफ्रास्ट्रक्चर से होकर जाता है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाए।

-आईआरएस की तरह इंडियन अर्बन सर्विस का प्रावधान हो

-रियल एस्टेट को लेकर बैंक कॉर्पोरेशन बढ़े

-उद्योग और शिक्षा क्षेत्र में बाह्य विकास शुल्क को लेकर मिले छूट

-हाउसिंग फॉर रेंटल परपस पर विशेष छूट का प्रावधान हो

-स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम में कॉलोनाइजर को भी शामिल किया जाए

रियल एस्टेट मार्केट इस समय वेंटीलेटर पर आ चुकी है। यदि जल्द ही बेहतरी के लिए प्रयास नहीं किए गए तो सांस की आखिरी डोर भी टूट सकती है। आलम यह है कि बड़े-बड़े प्रोजेक्ट के खरीदार ढूंढ़े नहीं मिल रहे। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए टैक्स हॉलीडे मिलना चहिए।

अशोक गर्ग, अध्यक्ष रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन मेरठ

पिछले कुछ सालों से रियल एस्टेट की बेहतरी को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। बीस हजार से ऊपर की नकद खरीद-फरोख्त पर पाबंदी से बाजार प्रभावित हुआ है। यह सीमा 50 हजार से एक लाख तक होनी चाहिए।

कमल ठाकुर, महामंत्री रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन मेरठ

सबसे पहले इनकम टैक्स प्रोसेस को संतुलित बनाया जाए। अलग-अलग कैटेगिरी के लिए प्रयुक्त टैक्स स्लैब बनाया जाए। हाउसिंग लोन के लिए ब्याज की लिमिट बढ़ाई जाए।

सुनील तनेजा, जीएम मार्केटिंग अंसल हाउसिंग

सर्विस टैक्स सभी रियल एस्टेट से लेकर खरीदार तक को प्रभावित करता है। इससे क्रय शक्ति कम होती है। ऐसे में सर्विस टैक्स में छूट मिलना अपेक्षित है।

कृष्ण मोहन शर्मा, इंवेस्टर अजंता कालोनी

हाउसिंग लोन की प्रक्रिया को सीधा व सरल बनाए जाने की जरूरत है। लोन की जटिल व थकाऊ व्यवस्था से खरीदार का मोहभंग होता है। ऐसे में सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की जरूरत है।

राजवीर सिंह, इंवेस्टर, गंगानगर

अर्फोडेबल हाउसिंग के लिए टैक्स में छूट मिलने से ईडब्ल्यूएस और एलआईजी भवन बनाने को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही रियल एस्टेट को लेकर बैंक कॉर्पोरेशन बढ़ने से रियल एस्टेट मार्केट बूम ला सकती है। इसके साथ ही बाह्य विकास शुल्क को भी व्यवस्थित किए जाने की जरूरत है।

अनुपम भारद्वाज, एक्सपर्ट टैक्स और रियल एस्टेट कारोबार