- शहर में प्रभावित होंगे तीन लाख बिजली उपभोक्ता

- फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी से कटेगी लोगों की जेब

Meerut: राज्य में बिजली की बढ़ी हुई दरें लागू हो गईं। इसके साथ बिजली की बढ़ी हुई दरों से शहर में मौजूद तीन लाख बिजली उपभोक्ता सीधा प्रभावित होंगे। प्रति यूनिट चार्ज में बढ़ोतरी और फिक्स चार्ज में इजाफा एक ओर जहां शहरवासियों की जेब ढ़ीली करेगा, वहीं पॉवर कार्पोरेशन को घाटे से उबारने में सहायक सिद्ध होगा।

बढ़े बिजली के दाम

लंबे समय से घाटा उठा रहे उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन को राहत पहुंचाने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने एक बार शहरी और ग्रामीण घरेलू बिजली की दरों में चौंकाने वाली बढ़ोतरी की है। आयोग की ओर से बढ़ाए गए बिजली के नए दाम रविवार से लागू हो जाएंगे।

ऐसे महंगी हुई बिजली

इस वर्ष के लिए घोषित टैरिफ के मुताबिक घरेलू बिजली दरों में औसतन 5.04 फीसद, उद्योगों की दरों में 5.04 फीसद, कमर्शियल में 5.16 फीसद और निजी नलकूप की दरों में 2.73 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ हर प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए 1.90 फीसद रेग्यूलेटरी सरचार्ज में भी बढ़ोतरी की गई है। इस तरह से बिजली की कुल दरों में औसतन 7.37 फीसद का इजाफा किया गया है। कुल मिलाकर शहर उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज मिलाकर 14.54 फीसद बिजली के दामों का झटका लगेगा।

12.5 करोड़ का भार

शहर में बिजली के करीब तीन लाख उपभोक्ता हैं। विद्युत नियामक आयोग के मुताबिक पहले 500 यूनिट से अधिक खर्च पर 5.50 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज किया जाता है। नई नीति के अुनसार अब यह दर बढ़ कर 6.20 रुपए हो गई है।

डिमांड और सप्लाई

यूपी में 2500 मेगावाट की कमी दरअसल, बिजली की समस्या से जो परेशानी हम अपने शहर में भुगत रहे हैं, उसकी जड़े राज्य की राजधानी यानी लखनऊ तक फैली हैं। प्रदेश में इस समय ढ़ाई हजार मेगावाट बिजली की भारी किल्लत है। डिमांड और सप्लाई को देखते हुए प्रदेश में इस समय 15 हजार मेगावाट बिजली की परम आवश्यक्ता है, जिसके सापेक्ष राज्य को केवल 12 हजार 500 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध है।

400 मेगावाट की कमी

राज्य में बिजली की किल्लत का परिणाम यह है कि मेरठ को 400 मेगावाट बिजली की किल्लत भुगतनी पड़ रही है। मौजूदा समय के हिसाब से शहर को इस समय 700 से 800 मेगावाट बिजली की दरकार हो, जबकि इसके सापेक्ष शहर को केवल 400 मेगावाट बिजली ही मुहैया कराई जा रही है।

लाइन लॉस का चक्कर

बिजली विभाग के आंकड़ों की मानें तो शहर में इस समय बिजली का लाइन लॉस 40 फीसद तक पहुंच गया है। हालांकि विभाग की ओर से समय-समय पर लाइन लॉस कम करने को लेकर अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन ये सारे अभियान राजस्व वसूली और जनता जनार्दन के शोषण पर ही दम तोड़ देते हैं और लाइन लॉस का ग्राफ ऊपर ही टिका रहता है।

तीन घंटे एक्स्ट्रा बिजली

बिजली विभाग के अफसरों की मानें तो बिजली चोरी पर लगाम जहां मांग व आपूर्ति के अंतर को काफी हद तक कम कर देगी। वहीं ऐसा होने शहर को तीन घंटे अतिरिक्त बिजली भी मुहैया कराई जा सकेगी। इसका सीधा फायदा यह होगा कि शहर में बिजली की उपलब्धता पहले के मुकाबले तो अधिक होगी। वहीं लगातार घाटे में जा रहे विभाग को भी इसका बड़ा फायदा होगा।

विद्युत नियामक आयोग के निर्णय का अनुपालन के क्रम बिजली दरों में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। लाइन लॉस को कंट्रोल करने के लिए विभिन्न योजनाओं के अतंर्गत लाइनों को दुरुस्त किया जा रहा है।

-विजय विश्वास पंत, एमडीए पीवीवीएनएल