- सीसीटीवी का बदमाशों के मन खौफ नहीं

- ताबड़तोड़ लूट और फायरिंग की घटनाओं से दहशत

Meerut: शहरी सीमा पर तीसरी आंख का पहरा है। सीमा को सीसीटीवी से पाट दिया गया है। करीब तीन दर्जन कैमरे लगाए गए हैं। इनका परफॉर्मेस काफी बेहतर है। इनके अलावा शहर के विभिन्न क्षेत्र में भी कैमरे पहले से लगाए गए हैं। तीसरी आंख का कड़ा पहरा होने के बावजूद बदमाशों में कोई खौफ नहीं है। वे बेखौफ होकर इन आंखों में धूल झोंक रहे हैं और घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन क्षेत्रों में कैमरे लगाए जाने के बावजूद लूट और फायरिंग की घटनाओं में कमी देखने को नहीं मिल रही है।

15 प्वाइंट पर 34 कैमरे

शहर की सीमा के 15 प्वाइंट चिह्नित किए गए हैं, जहां पुलिस ने 34 हाई डेफिनेशन सीसीटीवी लगाए हैं। ताकि कोई बदमाश लूट व हत्या जैसी घटना को अंजाम देकर फरार होता है तो उनकी पहचान हो सके। ये कैमरे करीब 120 मीटर की दूरी तक की तस्वीर कैद कर सकते हैं। खासकर रात में भी। इनमें भागते हुए भी बदमाश का चेहरा और वाहन का नंबर प्लेट आसानी से दिख सकता है। परतापुर तिराहे पर 2, दिल्ली रोड पर दो, बागपत, रोहटा, मोदीपुरम फ्लाईओवर पर दो-दो, तेजगढ़ी चौराहे पर चार, जेलचुंगी चौराहे पर दो, डिग्गी चौराहे पर दो, कंकरखेड़ा व शिव चौक पर दो, खिर्वा रोड पर एक, कमिश्नरी व साकेत चौराहे पर तीन-तीन, टैंक चौराहे व माल रोड पर दो-दो, बिजली बंबा बाईपास, हापुड़ रोड और दिल्ली रोड पर एक-एक कैमरे लगाए गए हैं।

बदमाशों ने फेरा पानी

इन कैमरों के अलावा भी शहर के अंदरुनी क्षेत्र जैसे घंटाघर, वेस्टर्न रोड, कचहरी रोड, बेगमपुल, बागपत अड्डा समेत अन्य स्थानों पर भी कैमरे लगे हैं। इनके अलावा लोगों ने खुद भी कई जगहों पर कैमरे लगाए हैं। तीसरी आंख के कड़े पहरे के बाद भी बदमाश ओझल हो जा रहे हैं। पुलिस विभाग ने यह सोचकर कैमरे लगाए थे कि बदमाश कम से कम कैमरे की जद में आने के डर से घटना को अंजाम देने की बारे में सोचने मात्र से डरेंगे। ऐसा नहीं हुआ। हाल ही में ताबड़तोड़ हुई लूट और फायरिंग के वारदातों ने पुलिस की सोच को बदमाशों ने गलत साबित कर दिया। लालकुर्ती थानाक्षेत्र में पहले डॉक्टर के क्लिनिक पर फायरिंग फिर एयरटेल कर्मी के साथ लूट को अंजाम देना। इससे पहले सिविल लाइंस थानाक्षेत्र में बदमाशों ने डॉक्टर के घर पर लाखों रुपए की डकैती को अंजाम दिया था।

इन कैमरों से काफी मदद मिली है। हाल ही कई घटनाओं का खुलासा सीसीटीवी में बदमाशों के कैद होने से किया है। इन कैमरों के लगने से घटनाओं पर लगाम लगेगी और घटना के बाद बदमाशों की पहचान करना और पकड़ना काफी आसान हो जाएगा।

- डीसी दूबे, एसएसपी